Delhi: केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वोे उपग्रह संचार नेटवर्क या गैर-स्थलीय नेटवर्क के विकास को बड़ी उम्मीद के साथ देख रहे हैं, उन्होंने कहा कि ये माध्यम दूरसंचार से वंचित लोगों को जोड़ने के अलावा संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में नए अवसर तैयार करेंगे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की तरफ से आयोजित दक्षिण एशियाई दूरसंचार नियामक परिषद में सिंधिया ने कहा कि गैर-स्थलीय नेटवर्क नए इन्नोवेशन की शुरुआत करेंगे, उन्होंने कहा कि इससे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के प्रति सरकार के संकल्प को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
सिंधिया ने कहा कि गैर-स्थलीय नेटवर्क के आने से दूरसंचार प्रौद्योगिकी में एक नया मोड़ आया है और इससे दूरसंचार से अछूती आबादी को जोड़ने में बहुत मदद मिलेगी। सरकार ने बिना नीलामी के उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है, जिससे एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्टारलिंक जैसी कंपनियों को खासतौर से लाभ होगा।
भारती समूह समर्थित वनवेब और जियो सैटकॉम को सैटकॉम सेवाओं के लिए परमिट मिले हैं, लेकिन उनकी मूल कंपनियों ने नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम के आवंटन का विरोध किया है। दूरसंचार परिचालकों के विरोध के बावजूद सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन दूरसंचार अधिनियम 2023 के मुताबिक प्रशासनिक पद्धति से किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि “दुनिया भर में गैर-स्थलीय नेटवर्क के आने से एक नया मोड़ आया है, खास तौर से जियो, जियो सेटेलाइट के अलावा, मिडियम अर्थ ऑर्बिट और लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइटों ने अब दूरसंचार प्रौद्योगिकी को एक नया मोड़ दिया है और मेरा मानना है कि ये हमारे देश की अब तक अनकनेक्टेड आबादी को जोड़ने में सक्षम होने का एक बड़ा अवसर देती है।
“मेरा मानना है कि मैं एनटीएन के विकास को बहुत आशावाद के साथ देखता हूं, और मेरा मानना है कि यह संचार प्रौद्योगिकियों में नए आयाम खोलेगा, अलग-अलग क्षेत्रों में नए लाइट इनोवेटिव एप्लिकेशन और हमारी सामूहिक यात्रा को आगे बढ़ाएगा और संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी, हमारे सतत विकास लक्ष्य के प्रति हमारे सामूहिक संकल्प को आगे बढ़ाएगा।”
इसके साथ ही कहा कि “अब जब हम इस यात्रा पर निकल रहे हैं तो मुझे भारतीय दूरसंचार परिदृश्य की बाइब्रेंसी के बारे में भी बात करनी चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री के शब्दों और उनके संकल्प से बहुत प्रेरित हूं। जब हम प्रौद्योगिकी के बारे में न केवल एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में बल्कि एक क्षमता के रूप में बात करते हैं हमारे प्रधानमंत्री के शब्दों में खोजने, सीखने, विकसित करने और कार्यान्वित करने में सक्षम हो।”