Delhi: इकोसिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए सरकार सेक्शन 8 फर्म बनाएगी- पीयूष गोयल

Delhi: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया की सभी पहल और बॉडी को एक छत के नीचे शामिल करने के लिए कंपनी अधिनियम की सेक्शन 8 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाने का फैसला लिया गया है। गोयल ने कहा कि कंपनी इन्वेस्ट इंडिया की तरह हो सकती है, जो अपने मामलों का मैनेजमेंट कर सकती है, मौजूदा समय में स्टार्टअप इंडिया को इन्वेस्ट इंडिया में रखा गया है, जो निवेश को बढ़ावा देने के लिए नेशनल बॉडी है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि “आज, स्टार्टअप इंडिया को इन्वेस्ट इंडिया में रखा गया है। मुझे लगता है, अब स्टार्टअप इंडिया अपने आप में इतना पॉवरफुल इकोसिस्टम बन गया है कि उसके पास अपना खुद का घर होना चाहिए। सिडबी भी इस कंपनी में एक्टिव तरीके से शामिल हो सकता है। हम कैसे हमारे यूनिकॉर्न की पहचान करें? ऐसा सिस्टम क्यों न हो, जहां हम उस सेक्शन 8 कंपनी में उन सभी को शेयर जारी करेंगे, जो यूनिकॉर्न बन गए हैं। हमें लोगों को इसके लिए सपोर्ट करने के तरीके खोजने होंगे। हम पॉलिसी के लिहाज से इसका सपोर्ट करेंगे। ये सही रास्ते पर है। इसमें एक स्वतंत्र बोर्ड और संगठन संरचना होगी और हम थोड़ा निरीक्षण करेंगे। नेशनल स्टार्टअप एडवाइजरी कमेटी भी इसका हिस्सा हो सकती है और फिर वो कंपनी भी ऐसा कर सकती है।”

स्टार्टअप इंडिया पहल 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई थी, इसके तहत उद्यमियों को सपोर्ट करने के लिए मजबूत स्टार्टअप इको सिस्टम बनाना है ताकि भारत को नौकरी की चाहत रखने वालों की देश के बजाय नौकरी पैदा करने वालों के देश में बदला जा सके।

पीयूष गोयल ने कहा कि “स्टार्टअप इंडिया को इन्वेस्ट इंडिया में रखा गया है। मुझे लगता है, अब स्टार्टअप इंडिया अपने आप में इतना पॉवरफुल इकोसिस्टम बन गया है कि उसके पास अपना खुद का घर होना चाहिए। सिडबी भी इस कंपनी में एक्टिव तरीके से शामिल हो सकता है। हम कैसे हमारे यूनिकॉर्न की पहचान करें? ऐसा सिस्टम क्यों न हो, जहां हम उस सेक्शन 8 कंपनी में उन सभी को शेयर जारी करेंगे, जो यूनिकॉर्न बन गए हैं। हमें लोगों को इसके लिए सपोर्ट करने के तरीके खोजने होंगे। हम पॉलिसी के लिहाज से इसका सपोर्ट करेंगे, ये सही रास्ते पर है। इसमें एक स्वतंत्र बोर्ड और संगठन संरचना होगी और हम थोड़ा निरीक्षण करेंगे। नेशनल स्टार्टअप एडवाइजरी कमेटी भी इसका हिस्सा हो सकती है और फिर वो कंपनी भी ऐसा कर सकती है।”

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