Delhi: वयस्क बाघिन के पंजे पर बैठी मक्खी से लेकर, अगले शिकार पर निकलने से पहले बाघ के बच्चे के डुबकी लगाने तक, फेमस वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर आरजू खुराना की नजरों से कोई चीज छूट नहीं सकती। उनकी अनूठी पहल ‘एटीआर’ में भारत के 55 टाइगर रिजर्व की झलक देखने को मिलती है।
दिल्ली के बीकानेर हाउस में चल रहे “ऑल टाइगर रिजर्व्स: थ्रू द लेंस” में 50 से ज्यादा अद्भुत तस्वीरें लगाई गईं हैं, जो यहां आने वालों को भारत की वन्यजीव विरासत से रूबरू कराती है। छह सितंबर को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था। इसे पांच जोन – पश्चिम, मध्य, दक्षिण, पूर्व और उत्तर में बांटा गया है। इसका लेआउट एटीआर की यात्रा को दर्शाता है।
इस प्रदर्शनी में असम के काजीरंगा टाइगर रिजर्व, महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व जैसे फेमस और कम मशहूर टाइगर रिजर्व की तस्वीरें शामिल हैं।खुराना के कलेक्शन में बड़ी बिल्लियों के अलावा मोर, भालू, रॉक पाइथन, ऊदबिलाव, गोल्डन लंगूर, हाथी और दूसरे जानवरों की भी दुर्लभ तस्वीरें भी शामिल हैं।
एक दीवार पर भारत के बड़े से नक्शे के साथ खुराना और उनकी टीम की तस्वीरों का कोलाज है, जो यहां आने वालों को उनकी कठिन यात्रा के अलग-अलग पहलुओं की झलक दिखाता है, चाहे वो चुनौतियों के बारे में हो या रास्ते में मिले लोगों के बारे में, इन तस्वीरों की कीमत 11,500 रुपये से लेकर ढाई लाख रुपये या उससे भी ज्यादा है। इन तस्वीरों की बिक्री से होने वाला सारा मुनाफा वन्यजीव संरक्षण के लिए दान किया जाएगा।
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर आरजू खुराना ने कहा कि “आइडिया लोगों को उन प्रजातियों के बारे में बताना था जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और उन टाइगर रिजर्व के बारे में बताना जिन्हें उस तरह का ध्यान नहीं मिल पाता, जैसा मिलना चाहिए, 55 तस्वीरें और 55 टाइगर रिजर्व हैं। हमें अपने खूबसूरत देश का कोना-कोना कवर करते हुए 37,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने में लगभग सात महीने लगे।”