Delhi: दिल्ली आर्ट गैलरी में ‘मद्रास कला आंदोलन’ की शुरुआत और उसके विकास को दिखाने के लिए आर्ट एग्जीबिशन का उद्घाटन किया गया। ‘मद्रास मॉर्डन: रीजनलिज्म और आइडेंटिटी’ नाम से आयोजित इस एग्जीबिशन में दक्षिण भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को दिखाया गया।
कला इतिहासकार किशोर सिंह “मद्रास कला आंदोलन देश में आधुनिकता का अंतिम पायदान है, इससे पहले कि आप समकालीन कला में प्रवेश करें। लोकगीत, वास्तुकला, डिजाइन, पैटर्न, इतिहास और संस्कृति यही से कला का उदय हुआ, मद्रास मॉडर्न के पीछे का विचार ऐसी प्रदर्शनी आयोजित करना था जो आपको आंदोलन की पूरी यात्रा को दिखा सके, पणिकर ने चोलामंडल कलाकारों का गांव बनाया और कलाकारों का वो समुदाय जो एक साथ रहता था, एक साथ काम करता था, एक साथ विचार-विमर्श करता था। उनकी वजह ये कलाकृतियां बनीं, जो आज आप देख रहे हैं।”
दक्षिण भारत में कला और उसके विकास पर आधारित ये एग्जीबिशन छह जुलाई तक चलेगी।