Delhi: सुप्रीम कोर्ट भारतीय आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव वाले तीन नए कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, पुराने कानूनों में कई कमियों की वजह से आपराधिक कानूनों में बदलाव की मांग की जाती रही है।
जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच इस मामले की सुनवाई कर सकती है, लोकसभा ने पिछले साल 21 दिसंबर को तीन प्रमुख कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक को पारित किया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन विधेयकों पर अपनी मुहर लगा दी थी। यह नए कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
तीन नए कानूनों पर रोक लगाने की मांग करते हुए वकील विशाल तिवारी की जनहित याचिका में कहा गया है कि इन विधेयकों को संसद में बिना किसी चर्चा के पारित किया गया था, क्योंकि उस वक्त अधिकांश विपक्षी सदस्य निलंबित थे, याचिका में कोर्ट से एक्पर्ट कमेटी तुरंत गठित करने के निर्देश देने की मांग की है।