Chhath Pooja: छठ पूजा के नजदीक आते ही दिल्ली में चहल-पहल बढ़ गई है, त्योहार के लिए जरूरी सामान खरीदने वालों की बाजारों में भारी भीड़ है, छठ के लिए लोग बांस के सूप, टोकरियां, फल और पूजा का सामान खरीद रहे हैं।
हालांकि महंगाई की वजह से लोगों का उत्साह पहले से कम हुआ है, कुछ लोग बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल बाजार में कीमतें लगभग दोगुनी है। इस बीच छठ से पहले यमुना संसद संगठन ने यमुना नदी का शुद्धीकरण किया, संगठन ने आईटीओ पर बने छठ घाट पर ‘यमुना भिक्षाटन महायज्ञ’ किया।
कार्यक्रम में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी हिस्सा लिया और संगठन के काम की सराहना की, देश के कई राज्यों में छठ पूजा मनाई जाती है। लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसकी खास अहमियत है। दिल्ली में छठ पूजा के लिए सात नवंबर को सरकारी छुट्टी दी गई है, ताकि लोग बिना किसी परेशानी के त्योहार मना सके, इसके अलावा दिल्ली सरकार छठ के लिए पूरे शहर में एक हजार ‘मॉडल घाट’ बनाने की तैयारी भी कर रही है।
निवासियों का कहना है कि “हम सात साल से छठ पूजा कर रहे हैं। पहले तो बिहार में करते थे चार साल, अब तीन साल से यहां कर रहे हैं, मगर दिन पर दिन हर साल महंगाई और बढ़ती जा रही है। जो सामान था 100 से 200-250 का करके दे रहा है। हम तो छठ पूजा की चार दिन पहले से ही तैयारी शुरू करने लगते हैं, जैसे खरना का होता है, अर्ध्य का होता है सामान सब खरीद कर लाते हैं।”
इसके साथ ही दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि “छठ महापर्व पूरे पूर्वांचल समाज का नहीं पूरे देश का पर्व है।सूर्य देव की अराधना और अर्ध्य के साथ ये पर्व शुरू होता है, लेकिन इस पर्व की एक विशेषता हमेशा से ये भी रही है कि बहते जल में इसकी मान्यता रही है, लेकिन दुर्भाग्य से दिल्ली में आप देख रहे हैं यमुना की जो स्थिति है, यमुना के अंदर आप अर्ध्य नहीं दे सकते। कृत्रिम घाट बनाए जा रहे हैं और लगातार पिछले 10 वर्षों से हम सुन रहे हैं कि इस साल हम यमुना को साफ करेंगे- इस साल हम यमुना को साफ करेंगे, लेकिन वो काम धरातल पर उतरा नहीं है। धरातल पर सिर्फ एक चीज उतरी है वो है भ्रष्टाचार, चोरी और लूट।”