Atishi: आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने और राजनैतिक उद्देश्यों के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने के आरोप में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन बाद में इसे बदलकर एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी के नाम पर दर्ज कर दिया गया।
शुरुआत में रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से आतिशी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें सात जनवरी को राजनैतिक उद्देश्यों के लिए सरकारी वाहन का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। विस्तृत जांच के बाद, पुलिस ने चुनाव प्रचार के लिए सरकारी वाहन का उपयोग करने के लिए एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
एफआईआर के जवाब में आतिशी ने कहा, “टीवी चैनल ने लाइव चलाया कि प्रवेश वर्मा ने 1100-1100 रुपये बांटे। महिलाओं ने टीवी पर आकर कहा कि हमें 1100 रुपये दिए गए कि हम कमल का बटन दबाए। उसके कुछ दिन बाद प्रवेश वर्मा जी ने ट्वीट करके ये पोस्ट करी की वो हेल्थ कैंप कर रहे हैं और चश्मे बांट रहे हैं। उसके बाद वो किदवई नगर इलाके में चद्दर और बेडशीट बांट रहे हैं अपने नाम के साथ।
उसमें चुनाव आयोग को कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं दिखता। तो ये एक सवाल तो उठता है कि पुलिस किसके साथ है? ये सवाल तो उठता है कि क्या जो लोउर लेवल पर चुनाव अधिकारी हैं उन पर दबाव है, हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग द्वारा दी गई स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रतिबद्धता को जमीन पर लागू किया जाएगा।”
दिल्ली सीएम आतिशी “टीवी चैनल ने लाइव चलाया कि प्रवेश वर्मा ने 1100-1100 रुपये बांटे। महिलाओं ने टीवी पर आकर कहा कि हमें 1100 रुपये दिए गए कि हम कमल का बटन दबाए। उसके कुछ दिन बाद प्रवेश वर्मा जी ने ट्वीट करके ये पोस्ट करी की वो हेल्थ कैंप कर रहे हैं और चश्मे बांट रहे हैं। उसके बाद वो किदवई नगर इलाके में चद्दर और बेडशीट बांट रहे हैं अपने नाम के साथ। उसमें चुनाव आयोग को कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं दिखता। तो ये एक सवाल तो उठता है कि पुलिस किसके साथ है