AILA: एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहायक वास्तविक जीवन के वातावरण में सावधानी के साथ प्रयोग कर रहा है, परमाणु बल माइक्रोस्कोप के मापदंडों को अनुकूलित कर रहा है, परिणामों का विश्लेषण कर रहा है और फीडबैक दे रहा है। खास बात ये है कि यह एआई एजेंट ये सारे काम बिना किसी इंसानी दखल के कर रहा है।
यह बिलकुल भी कल्पना नहीं है, क्योंकि आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों ने एआईएलए यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी असिस्टेंट विकसित किया है। एआईएलए एआई लैंग्वेज मॉडल पर आधारित है और इसका मकसद किसी भी मशीन के साथ एकीकृत होना और पूरी तरह से स्वचालित प्रयोगशालाओं में सहायक का उपयोग करना है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि एआईएलए को विकसित करने में एक साल का वक्त लगा, अनुसंधान के दौरान एआईएलए ने गलतियां कीं, लेकिन यह सिस्टम इंसानों के विपरीत चौबीसों घंटे और सातों दिन काम करता रहा।
एआईएलए के विकास में आईआईटी दिल्ली को डेनमार्क और जर्मनी के वैज्ञानिकों का भी सहयोग मिला। प्रतिष्ठित जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में भी इस शोध का विस्तृत विवरण प्रकाशित किया। उसने लेख का शीर्षक ‘Evaluating Large Language Model Agents for Automation of Atomic Force Microscopy’ रखा।