Dhanteras 2022: धनतेरस पर क्यों है दीपदान का विशेष महत्व? जानें विधि और शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2022: इस बार धनतेरस 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. हर साल धनतेरस कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन यमराज की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि इस दिन यम देवता की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. इस दिन यम देवता के लिए दीपदान करने का खास महत्व होता है.

यमदेवता के लिए दीपदान

धनतेरस के दिन यमराज के लिए जिस घर में दीपदान किया जाता है. वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है. धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और 13 ही दीप घर के अंदर जलाने चाहिए. इस दिन मुख्य दीपक रात को सोते समय जलाया जाता है. इस दीपक को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है. यह दीपक घर के बाहर दक्षिण की तरफ मुख करके जलाना चाहिए. दरअसल, दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है. ऐसा भी माना जाता है कि घर में दीया घूमाने से इस दिन सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है.

धनतेरस के दिन दीपदान का शुभ मुहूर्त-

धनतेरस पर दीपदान 22 अक्टूबर 2022, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन दीप दान का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक है। इसकी अवधि 01 घंटा 16 मिनट की है।

प्रदोष व वृषभ काल में दीपदान-

प्रदोष काल में दीपदान 22 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल में दीपदान का समय 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस के दिन क्यों दक्षिण दिशा में जलाया जाता है दीपक-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। कहते हैं कि एक दिन दूत ने यमराज से बातों ही बातों में प्रश्न किया कि क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है? इस प्रश्न के उत्तर में यमराज में कहा कि व्यक्ति धनतेरस की शाम यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसी मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन लोग दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *