Navratri 2025: नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा विधि और महत्व

Navratri 2025: नवरात्रि का आठवां दिन, जिसे महागौरी के पूजन का दिन कहा जाता है, विशेष रूप से अत्यधिक महत्व रखता है। महागौरी माता को शुभता, समृद्धि और शक्ति की देवी माना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। इस दिन की पूजा विधि भी विशेष होती है, और इस दिन विशेष मंत्रों और विधियों से देवी की आराधना की जाती है।

महागौरी माता की पूजा विधि

महागौरी माता की पूजा विधि बहुत ही सरल और प्रभावी होती है। नवरात्रि के इस दिन पूजा करने से जीवन की सभी बाधाओं का नाश होता है और समृद्धि का वास होता है। पूजा विधि इस प्रकार है। सबसे पहले घर में स्वच्छता बनाए रखें और पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर, उस पर मां महागौरी की तस्वीर या प्रतिमा रखें। पूजा में उपयोग के लिए नारियल, फूल, दीपक, कुमकुम, अक्षत, चावल, अगरबत्ती, और विशेष रूप से 9 प्रकार के पौधे जैसे तुलसी, बैलो, बगड़ी आदि का इस्तेमाल करें। पूजा में 9 वस्तुएं जैसे- चूड़ी, बिंदी, कपड़े, हल्दी, चावल, सिंदूर, सोने की चूड़ी आदि रखी जाती हैं, जो विशेष रूप से समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं।

पूजा प्रारंभ करने से पहले, ध्यान और एकाग्रता से मां महागौरी का आह्वान करें। मानसिक रूप से देवी के दर्शन करने का संकल्प लें और उन्हें पुष्प अर्पित करें। पूजा के दौरान हवन करना अत्यंत फलदायक होता है। हवन सामग्री में घी, कपूर, आहूति और हवन कुंड का प्रयोग करें।

ॐ महागौर्यै नमः
ॐ क्लीं महागौरी नमः
ॐ दुं दुर्गायै नमः
ॐ सर्वकल्याण महागौरि नमः

इन मंत्रों का जाप 108 बार करना उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही “ॐ श्री महागौरि भगवति” मंत्र का भी जाप करें।

नवरात्रि के आठवें दिन व्रत का पालन करना बहुत फायदेमंद होता है। विशेषकर इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसका जीवन शांति और समृद्धि से भर जाता है। पूजा के बाद देवी महागौरी की आरती करें और उन्हें विशेष भोग अर्पित करें। भोग में मुख्य रूप से केले, नारियल, फल, दूध, शहद, शक्कर, और मेवे अर्पित किए जाते हैं। देवी की आरती में खासकर “जय महागौरी” के गीत गाए जाते हैं, जो वातावरण को भक्ति से भर देते हैं। पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करना भी महत्वपूर्ण है। यह प्रसाद सभी भक्तों को दिया जाता है, ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

महागौरी माता के पूजन का महत्व

महागौरी माता की पूजा का उद्देश्य केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति नहीं है, बल्कि आत्मिक उन्नति और शांति का भी है। यह दिन विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो जीवन में किसी संकट से जूझ रहे हैं। महागौरी माता की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्टों का निवारण होता है और वह जीवन के मार्ग पर एक नई ऊर्जा और शांति के साथ आगे बढ़ता है।
मां महागौरी को 16 साल की युवती के रूप में चित्रित किया जाता है, जो अत्यंत सुंदर और शुद्ध होती हैं। इनकी पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है और यह व्यक्ति के जीवन को सुखमय बना देती हैं। महागौरी माता का दर्शन और पूजन विशेष रूप से मानसिक शांति और सुख प्राप्ति के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष

नवरात्रि के आठवें दिन, महागौरी माता की पूजा का आयोजन व्यक्ति के जीवन को हर प्रकार से समृद्धि और शुभता से भर देता है। इस दिन की पूजा विधि को विधिपूर्वक और श्रद्धा से निभाने पर न केवल देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि, और सकारात्मकता का वास भी होता है। माता महागौरी की आराधना से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में हर प्रकार की सफलता प्राप्त होती है।

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