Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी का रूप बहुत ही सुंदर और आकर्षक होता है। वह एक सुंदर और शक्तिशाली महिला के रूप में चित्रित की जाती हैं। उनके चेहरे पर एक सुंदर और शांत मुस्कान होती है। माता ब्रह्मचारिणी के वस्त्र बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं।
वह एक सुंदर और सफेद साड़ी पहनती हैं, जो उनके शरीर को ढकती है। वह एक सुंदर मुकुट पहनती हैं, जो उनके सिर को ढकता है। उनके एक हाथ में एक सुंदर और आकर्षक कमंडल होता है, जो उनके अध्यात्मिक ज्ञान को प्रतीकित करता है। उनके दूसरे हाथ में एक सुंदर और आकर्षक माला होती है, जो उनके ध्यान और एकाग्रता को प्रतीकित करती है। माता ब्रह्मचारिणी की वाहन एक सुंदर और आकर्षक मोर होता है, जो उनके आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति को प्रतीकित करता है।
माता ब्रह्मचारिणी की कथा यह है कि वह भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार हैं। वह बहुत ही सुंदर और शक्तिशाली हैं और उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है। चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए, सबसे पहले उनकी प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। फिर, उनकी पूजा करने के लिए फूल, फल, मिठाई आदि को अर्पित करें। इसके बाद, धूप और दीप जलाकर उनकी आराधना करें। माता की पूजा करने के लिए आवश्यक सामग्री माता ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या चित्र, फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप और प्रसाद होता है।
माता ब्रह्मचारिणी का मंत्र है – “ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः”, “ॐ श्री ब्रह्मचारिण्यै नमः”
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के बाद, भक्तों को माता ब्रह्मचारिणी की आरती और मंत्र का जाप, प्रसाद वितरित करना और गरीबों या जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का बहुत महत्व है। यह पूजा भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करती है और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।