Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आज हम आपको बतायेंगे चैत्र नवरात्रि के पहले दिन की पूजा विधि, महत्व और अन्य जानकारी।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो माता दुर्गा की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और नौ दिनों तक चलता है।
पहले दिन की पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पहले दिन की पूजा विधि:
1. स्नान और पूजा की तैयारी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा की तैयारी करें।
2. माता शैलपुत्री की पूजा: माता शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर रखें और उनकी पूजा करें।
3. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप आदि को इकट्ठा करें।
4. पूजा की विधि: माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए, सबसे पहले उनकी प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। फिर, उनकी पूजा करने के लिए फूल, फल, मिठाई आदि को अर्पित करें। इसके बाद, धूप और दीप जलाकर उनकी आराधना करें।
5. आरती और मंत्र: माता शैलपुत्री की आरती और मंत्र को पढ़कर उनकी आराधना करें।
माता शैलपुत्री की कथा
माता शैलपुत्री की कथा यह है कि वह भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार हैं। वह हिमालय की पुत्री हैं और उनका नाम शैलपुत्री है। वह बहुत ही सुंदर और शक्तिशाली हैं और उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन का महत्व
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन का बहुत महत्व होता है, क्योंकि इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। यह दिन शक्ति और साहस की पूजा के लिए समर्पित होता है और भक्तों को माता शैलपुत्री की आराधना करने का अवसर प्रदान करता है।