Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन यानी माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी का दिन, मान्यता है कि इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते है।
माँ ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. उनके नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है. ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली. अर्थात कठोर तप और ब्रह्म में लीन रहने के वजह से इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है. मान्यता है कि मां दुर्गा के इस स्वरुप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है.
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान कर ले, पूजा करने के लिए सबसे पहले आसन बिछाएं इसके बाद आसन पर बैठकर माँ की पूजा करें। माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं।
ब्रह्मचारिणी माँ को भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। फिर देवी ब्रह्मचारिणी माँ के मंत्रों का जाप करें और फिर माँ की आरती करें।
माँ ब्रह्माचारिणी की पूजा का मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।।