Holi 2025: होली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो रंगों, प्यार और खुशी का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या फरवरी में पड़ता है।
होली का त्योहार कई पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है, लेकिन सबसे प्रसिद्ध कथा हिरण्यकश्यप और प्रहलाद की है। हिरण्यकश्यप एक शक्तिशाली राजा था जो अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकना चाहता था। लेकिन प्रहलाद ने अपने पिता की आज्ञा की अवहेलना की और भगवान विष्णु की पूजा करना जारी रखा। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार प्रहलाद की रक्षा की। अंत में, हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को आग में जलाने के लिए कहा।
होलिका एक शक्तिशाली राक्षसी थी जो आग में नहीं जलती थी। लेकिन जब उसने प्रहलाद को आग में जलाने की कोशिश की, तो भगवान विष्णु ने होलिका को आग में जला दिया और प्रहलाद की रक्षा की। होली का त्योहार इसी घटना की याद में मनाया जाता है, जिसमें होलिका के जलने का प्रतीक होलिका दहन किया जाता है।
होली की पूजा विधि में होलिका दहन, रंगों का त्योहार और भगवान विष्णु की पूजा शामिल है। होलिका दहन होली के एक दिन पहले किया जाता है, जिसे होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। इस दिन, लोग होलिका के जलने का प्रतीक होलिका दहन करते हैं। होली के दिन, लोग भगवान विष्णु की पूजा भी करते हैं। वे भगवान विष्णु को फूल, फल और अन्य चीजें चढ़ाते हैं और उनकी आराधना करते हैं।
होली के त्योहार के कई लाभ हैं:
– होली का त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें खुशी और आनंद का अवसर प्रदान करता है।
– होली का त्योहार लोगों को अपने मतभेदों को भूलने और एक दूसरे के साथ मिलकर रहने का अवसर प्रदान करता है।
– होली का त्योहार लोगों को भगवान विष्णु की महिमा को समझने और उनकी आराधना करने का अवसर प्रदान करता है।