असम के गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ी पर बने प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में रविवार को ‘अंबुबाची मेला’ शुरू हो गया। हर साल आयोजित होने वाला ये मेला 26 जून तक चलेगा। इस धार्मिक आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
‘अंबुबाची मेला’ हर साल जून में चार दिनों के लिए आयोजित किया जाता है। ये मेला देवी कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म का प्रतीक है। इस समय को माता के विश्राम का समय माना जाता है और इस दौरान कामाख्या देवी मंदिर के गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक रविवार दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर ‘प्रवृति’ की शुरुआत के साथ मंदिर के कपाट बंद किए गए। अब ये गुरुवार सुबह तीन बजकर 19 मिनट पर ‘नृवृति’ के बाद फिर से खुलेंगे।
‘प्रवृति’ देवी कामाख्या के मासिक धर्म की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और इस अवधि में तीन दिनों तक कोई पूजा या अनुष्ठान नहीं किया जाता। ‘नृवृति’ माता कामाख्या के मासिक धर्म की समाप्ति का प्रतीक है। इस दिन मंदिर के कपाट फिर से खुलते हैं। मां को ‘शुद्धि स्नान’ कराया जाता है और मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।
‘अंबुबाची मेला’ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इस साल देशभर से लगभग 12 लाख श्रद्धालु और विदेश सैलानी के ‘अंबुबाची मेला’ में आने की उम्मीद है। देवी कामाख्या के भक्त उनके दर्शन-पूजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।