Tahawwur Rana: NIA यानी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने कहा है कि आरोपी तहव्वुर राणा ने 26/11 के मुंबई हमलों की तरह ही कई दूसरे भारतीय शहरों को भी निशाना बनाने के लिए साजिश रची थी। सूत्र के अनुसार, माना जा रहा है कि NIA ने विशेष न्यायाधीश से कहा, ‘‘उसकी (राणा की) लंबी हिरासत व्यापक पूछताछ के लिहाज से आवश्यक है, जिसका उद्देश्य साजिश की गहरी परतों को उजागर करना है। हमें संदेह है कि मुंबई हमलों में इस्तेमाल की गई चालों को अन्य शहरों में भी अंजाम देने की साजिश थी, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने यह जांच की कि क्या इसी तरह की साजिश कहीं और भी रची गई थी।’’
राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया। दिल्ली की एक अदालत को पिछले दिनों अमेरिका से राणा के प्रत्यर्पण से पहले मुंबई हमलों के मुकदमे के रिकॉर्ड मिल गए थे। एक सूत्र ने ये जानकारी दी। NIA ने कहा कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत आरोपी संख्या एक डेविड कोलमैन हेडली ने अपनी भारत यात्रा से पहले पूरी साजिश पर राणा से बात की थी। NIA ने अदालत को बताया कि संभावित चुनौतियों की आशंका से हेडली ने राणा को एक ईमेल भेजा था जिसमें उसके सामान और परिसंपत्तियों का ब्योरा था।
एजेंसी ने साथ ही बताया कि हेडली ने राणा को इस साजिश में पाकिस्तानी नागरिकों इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता के बारे में भी बताया था। दोनों इस मामले में आरोपी हैं। NIA ने विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष अपनी दलीलें रखीं जिन्होंने राणा को 18 दिन के लिए NIA हिरासत में भेज दिया। अपने आदेश में, न्यायाधीश ने NIA को हर 24 घंटे में राणा की मेडिकल जांच कराने और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने देने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने राणा को केवल एक ‘सॉफ्ट-टिप’ कलम का उपयोग करने और NIA अधिकारियों की मौजूदगी में अपने वकील से एक निश्चित दूरी से मिलने की अनुमति दी।
दलीलों के दौरान, NIA ने कहा कि साजिश के सभी आयामों को एक साथ जोड़ने के लिए राणा की हिरासत की आवश्यकता है और उसे 17 साल पहले हुई घटनाओं के बारे में फिर से जानने के लिए विभिन्न स्थानों पर ले जाना होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेंद्र मान ने NIA की ओर से दलील पेश कीं। सूत्र ने बताया कि महत्वपूर्ण साक्ष्यों को एक साथ जोड़ने और 17 साल पहले की घटनाओं को फिर से जानने के लिए अधिकारी राणा को प्रमुख स्थानों पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें अपराध स्थल का नाटकीय रूपांतरण करने और बड़े आतंकी नेटवर्क के बारे में गहन जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
NIA और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राणा की पेशी के दौरान अदालत परिसर में मौजूद थे। राणा 18 दिन तक NIA की हिरासत में रहेगा, इस दौरान एजेंसी ‘2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने के लिए उससे विस्तार से पूछताछ करने’ की योजना बना रही है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।