लिव-इन रिलेशनशिप में रिश्ते खराब होने पर नहीं दर्ज करवा सकते रेप केस, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि अगर लंबे समय से दो लोग साथ रह रहे हैं और बाद में उनके रिश्तों में खटास आ जाती है तो ऐसे में रेप का आरोप लगाना सही नहीं है. दरअसल कई बार ये देखा गया है कि एक महिला और एक पुरुष शादी के बिना सालों साथ रहते हैं और एक समय ऐसा आता है कि इनके रिश्तों में खटास आ जाती है. फिर महिला पुरुष पर रेप का आरोप लगा देती है. कई बार ये भी आरोप लगाया जाता है कि शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाए गए. लेकिन अदालत का कहना है कि ऐसे में पुरुष के खिलाफ रेप का मुकदमा नहीं बनता.

ऐसा ही एक मामला राजस्थान का है जहां एक महिला और एक पुरुष चार सालों से साथ रह रहे थे. उनकी शादी नहीं हुई है. इस रिश्ते से उन्हें एक बेटी भी है, लेकिन फिर महिला और पुरुष के बीच रिश्ते खराब हो जाते हैं. महिला ने फिर पुरुष पर रेप का केस दर्ज कर दिया. राजस्थान हाई कोर्ट ने पुरुष को जमानत देने से इनकार कर दिया. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाई कोर्ट का फैसला रद्द कर दिया और पुरुष को जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर दो लोग साथ रह रहे हैं और फिर रिश्ते खराब हो जाते हैं, तो इसमें रेप का केस नहीं बनता.

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