Karnataka: कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में बुधवार देर रात को एक तेज रफ्तार ट्रक के ‘लग्जरी स्लीपर’ बस से टकराने के बाद बस में आग लग गई। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार देर रात करीब दो बजे हिरियूर के पास एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने एक निजी लक्जरी स्लीपर बस को टक्कर मार दी, जिससे बस में आग लग गई और कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई।
पूर्व जोन के पुलिस महानिरीक्षक रविकांत गौड़ा ने पहले प्रारंभिक जांच के आधार पर नौ लोगों की मौत की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने और जिला पुलिस प्रमुख ने पुष्टि की कि हादसे में पांच लोगों की जान गई है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) रंजीत कुमार बंडारू ने बताया, ‘‘केवल पांच लोगों की मौत हुई है।’’ गौड़ा के अनुसार, जिन तीन लोगों की पहचान नहीं हो सकी वे संभवतः बस से कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। मृतकों में बस के चार यात्री और ट्रक का चालक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हादसे में लोगों की जान जाने पर शोक जताया और मृतकों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की। सिद्धारमैया ने इस भीषण दुर्घटना की उचित जांच कराने की भी बात कही। गौड़ा ने बताया कि कंटेनर ट्रक डिवाइडर को पार कर सामने से आ रही बस से टकरा गया, जिससे यह हादसा हुआ।
बेंगलुरू से गोकर्ण जा रही इस बस में 32 लोग सवार थे, जिनमें 30 यात्री थे। हिरियूर तालुक के गोलार्थी के पास यह हादसा हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन में आग लग गई और अधिकतर लोग बस के भीतर ही जिंदा जल गए। बस का चालक और खलासी बच गए जबकि ट्रक चालक की मौत हो गई।
गौड़ा ने कहा, ‘‘अब तक की जांच के अनुसार, कंटेनर ट्रक ने बस के डीजल टैंक को टक्कर मारी, जिससे डीजल लीक हुआ और आग लग गई।’’ पुलिस सूत्रों के अनुसार, हादसे में बचे लोगों में तीन दोस्त शामिल हैं। दो अन्य यात्रियों ने भी बस से कूदकर अपनी जान बचाई। गौड़ा ने कहा, ‘‘12 घायलों में से नौ को सिरा और तीन को तुमकुरु भेजा गया है। गंभीर रूप से झुलसे एक मरीज को बेंगलुरू के विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया है।’’ आईजीपी ने कहा कि इलाज के लिए बेंगलुरू भेजे गए व्यक्ति को छोड़कर बाकी घायलों की हालत खतरे से बाहर है।
दसराहल्ली से दांदेली जा रही एक अन्य बस भी इस बस के पीछे थी, लेकिन यह दुर्घटना में बाल-बाल बच गई। इस बस में 42 स्कूली बच्चे सवार थे। गौड़ा ने कहा, ‘‘स्कूली बच्चों को ले जा रही बस के चालक ने पीछे से दुर्घटना प्रभावित बस को टक्कर मार दी, फिर दूसरी ओर मुड़कर सड़क से उतर गई। राहत की बात यह रही कि इस बस में सवार कोई भी हताहत नहीं हुआ।’’
उन्होंने बताया कि बच्चों को दूसरी बस से आगे भेज दिया गया है और स्कूल बस का चालक इस हादसे का मुख्य प्रत्यक्षदर्शी है, जिसका बयान दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कि हादसे की शिकार हुई बस के अधिकतर यात्रियों ने ऑनलाइन टिकट बुक किए थे। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें उनके फोन नंबर मिल गए हैं और हम उनके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान ‘डीएनए’ जांच से कराई जाएगी।
घटना को याद करते हुए बस चालक रफीक ने बताया कि ट्रक डिवाइडर को पार कर सामने से आ रही बस से टकरा गया। ट्रक की रफ्तार बहुत तेज थी। चालक ने अस्पताल में बताया, ‘‘उस समय मैं 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बस चला रहा था। मैंने सामने से वाहन को आते देखा। मुझे केवल इतना याद है कि ट्रक बस से टकराया, उसके बाद क्या हुआ और मुझे कैसे बाहर निकाला गया, यह मुझे नहीं पता।’’
चालक ने कहा कि सामने से वाहन आते देख उन्होंने बस को संभालने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण नहीं कर पाए। बस के खलासी मोहम्मद सादिक को हादसे में मामूली चोट आई है और उनका भी इलाज हो रहा है। सादिक ने बताया कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह बस से बाहर जा गिरे। उन्होंने कहा, ‘‘सामने से आ रहे ट्रक ने टक्कर मारी। मैं बस के अगले हिस्से में था और हादसे के समय सो रहा था। टक्कर के प्रभाव से बस का शीशा टूट गया और मैं बाहर जा गिरा।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में हुए सड़क हादसे में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। पुलिस के अनुसार, गुरुवार तड़के चित्रदुर्ग जिले में तेज रफ्तार ट्रक से टक्कर के बाद एक बस में आग लग जाने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, इसमें से अधिकतर लोग आग में जिंदा जल गए।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उनके हवाले से कहा, ‘‘कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में दुर्घटना में लोगों की मौत से गहरा दुःख हुआ है। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ पोस्ट में कहा गया है, ‘‘प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। हादसे में घायल हुए प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।’’ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चित्रदुर्ग में बस दुर्घटना में लोगों की मौत पर बृहस्पतिवार को गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि घटना की उचित जांच कराई जाएगी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बुधवार देर रात दो बजे हिरियूर के पास एक तेज रफ्तार कंटेनर ट्रक ने बेंगलुरु से गोकर्ण जा रही एक ‘लग्जरी स्लीपर’ बस को टक्कर मार दी, जिसके बाद बस में आग लग गई और कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। सिद्धारमैया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘चित्रदुर्ग के पास एक लॉरी (कंटेनर ट्रक) और बस के बीच हुई भीषण दुर्घटना हृदयविदारक है, जिसमें कई यात्री जिंदा जल गए। यह बेहद दुखद है कि क्रिसमस की छुट्टियों के लिए घर जा रहे लोगों की यात्रा इस तरह की त्रासदी के साथ समाप्त हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना की पूरी जांच की जाएगी और इसके कारणों का पता लगाया जाएगा। मृतकों की आत्मा को शांति मिले, ऐसी कामना करता हूं। मैं दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ हूं।’’ उप-मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी हादसे और जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मैं मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा एवं भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने भी इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
हादसा इतना भीषण था कि बस और ट्रक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटनास्थल पर आग की लपटें उठ रही थीं और दमकलकर्मियों को आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। दुर्घटना की जगह दिख रहा है कि बस की खिड़कियों व छत से आग की तेज लपटें निकल रही हैं और घना धुआं छाया हुआ है। आग की लपटों के कारण दूर से ही तेज रोशनी नजर आ रही थी। इस घटना में बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
कुछ लोगों को दुर्घटना के दृश्य अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करते हुए भी देखा गया। राजमार्ग पर बस के जले हुए अवशेष पड़े दिखे, जिसकी छत ढह चुकी थी और धातु के ढांचे मुड़े हुए थे। दृश्यों में कुछ लोगों को मृतकों के शवों को बस से बाहर निकालते भी देखा गया। बस केवल ढांचे जैसी संरचना में तब्दील हो गई थी और जला हुआ मलबा सड़क पर बिखरा पड़ा था। सुरक्षात्मक उपकरणों से लैस पुलिसकर्मी और दमकलकर्मी बस का निरीक्षण करते हुए मलबा हटाते नजर आए।
सड़क पर बस के जले हुए टुकड़े, यात्रियों का निजी सामान और वाहन के हिस्से बिखरे पड़े थे। मौके पर दमकल गाड़ियां तैनात थीं और वाहन के अवशेष हटाने के लिए क्रेन और खुदाई में इस्तेमाल होने वाली ‘अर्थमूवर’ जैसी भारी मशीनें लगाई गईं। दुर्घटना में शामिल ट्रक को भी क्रेन की मदद से उठाकर राजमार्ग से हटाया गया। पुलिसकर्मी मलबे की जांच करते और यातायात को नियंत्रित करते देखे गये। साथ ही दुर्घटना क्षेत्र में लोगों का प्रवेश वर्जित था।