Gujarat: दाहोद में नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़, पांच आरोपी गिरफ्तार

Gujarat:  गुजरात के दाहोद में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गुरुवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये मामला आरोपी हुसैन पीरा से जुड़ा है, जिसे दिसंबर 2024 में तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हुसैन पूरे देश में नकली नोटों का जाल फैला रहा था।

दाहोद पुलिस को छापे के दौरान 500 रुपये के नकली नोटों वाले 14 पन्ने, खाली नोट छापने वाला पेपर और प्रिंटर, लैपटॉप और दूसरे उपकरण मिले। हुसैन के साथी कांजी और उसकी पत्नी को पकड़कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सात दिन की रिमांड दी ताकि पुलिस और पूछताछ कर सके।

इसके बाद तीन और लोगों मुकेश कामोल (छलोर गांव से), राकेश परगी (वांगड़ गांव से) और हरीशचंद्र उर्फ विष्णु पंचाल (पेठापुर, झालोद से) को पकड़ा, ये लोग नकली नोट छापने और बेचने में शामिल थे। पुलिस की जांच में पता चला कि हुसैन पीरा ने हैदराबाद में खुद इन लोगों को ट्रेनिंग दी थी और पीडीएफ के जरिए नकली नोट बनाने की जानकारी भेजी थी।

हुसैन पीरा का नेटवर्क गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में फैला हुआ है, अब पुलिस हुसैन पीरा को दाहोद लाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।

एसपी डॉ. राजदीप सिंह झाला ने बताया कि “वहां से 21 हजार की नकली करेंसी बरामद हुई और कुल मिलाकर 400 से ज्यादा फेक करेंसी छापने के लिए जो पेपर होते हैं, जिसमें थ्रेड लगाया जाता है वो पेपर बरामद हुए। इसकी पूछताछ में ये ध्यान में आया कि हुसैन पीर जो है वो आठ राज्यों में पूरा नेटवर्क चला रहा है। ये गरीब इलाके जहां ट्राइबल लोग रहते हैं वहां पर काम करते हैं और वहां के जो लड़के होते हैं उनको हैदराबाद ले जाकर ये लोग ट्रेनिंग भी मुहैया कराते हैं। पीडीएफ के जरिए इनको प्रिंट भी देते हैं और रिमोट एक्सेस इनको पूरा सपोर्ट देते हैं, ताकि ये लोग फेक करेंसी प्रिंट कर सकें और इसका मार्केट में इस्तेमाल किया जा सके। इस केस के सिलसिले में अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”

 

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