Etawah: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में वन विभाग ने दो कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से बटागुर प्रजाति के दो दर्जन कछुए बरामद किए है, वन विभाग ने ये कार्रवाई लापता जानवरों की अवैध तस्करी के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान की है।
शुरुआती जांच के मुताबिक दुर्लभ कछुओं को तस्करी करके मैनपुरी से कोलकाता ले जाया जा रहा था। ये बटागुर प्रजाति के कछुए है और ये दुनिया की सबसे दुर्लभ 25 प्रजाति में से एक है। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक लाल मुकुट के छत वाले इन कछुओं की बाजार में काफी मांग है।
बटागुर प्रजाति के कछुए अब सिर्फ चंबल नदी में पाए जाते है। गंगा और यमुना नदी में ये कभी कभार ही देखते को मिलते हैं। इन्हें हाल ही में वैज्ञानिक पुनर्वास प्रयास के तहत गंगा नदी में फिर से लाया गया था।
जिला वन कार्यालय के प्रभारी विमल कुमार ने कहा कि “हाल ही में आस-पास सूचना प्राप्त हुई थी अवैध तस्करी कछुओं को लेकर। तो इसके संदर्भ में पुलिस से संपर्क किया गया और 5:30 बजे जो है लगभग शाम को कार्रवाई की गई जिसमें अवैध तस्करी जो है विभाग के द्वारा जो की अवैध रूप से तस्करी की जा रही थी बरामद किेए गए।
वन्यजीव विशेषज्ञ राजीव चौहान “यह जो कछुओं यहां पर पकड़े गए हैं, वो बटागुर कछुए के नाम से जाने जाते हैं उनको इंग्लिश में रेड क्राउन रूफ टर्टल कहलाता है और हमारा जो वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट है उसमें शेड्यूल वन में दर्ज है। इसका जो मेल है वो बहुत खूबसूरत है इसलिए लोग उसको पेट ट्रेन में भी इस्तेमाल करते हैं और दुनिया में जो 25 प्रजातियां हैं जो सबसे ज्यादा संकट ग्रस्त हैं उनमें से ये एक है।”