Delhi: दिल्ली में ट्रांसजेंडर के तौर पर अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी प्रवासियों को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि आरोपी मोहम्मद शकीदुल (24), मोहम्मद दुलाल अख्तर उर्फ हजरा बीबी (36), मोहम्मद अमीरुल इस्लाम उर्फ मोनिका (31), मोहम्मद माहिर उर्फ माही (22) और सद्दाम हुसैन उर्फ रुबीना (30) सभी जन्म से पुरुष हैं।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी शारीरिक बनावट बदलने और ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों का रूप धारण करने के लिए कथित तौर पर छोटी-मोटी सर्जरी करवाई और हार्मोन के इंजेक्शन लिए। अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये बांग्लादेशी ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने और अन्य गतिविधियों में शामिल पाए गए।
पुलिस ने एक बयान में बताया कि उनके (बांग्लादेशियों के) पास से सात मोबाइल फोन बरामद किए गए, जिनमें सभी में प्रतिबंधित आईएमओ ऐप था और इस ऐप का इस्तेमाल वे बांग्लादेश में अपने परिवारों से बातचीत करने के लिए करते थे। पुलिस के मुताबिक, अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को एक सप्ताह तक निगरानी के बाद सोमवार को जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन के पास से पकड़ा गया। पुलिस ने बताया कि पांचों आरोपी दरियागंज इलाके में रहते थे और एजेंटों की मदद से अवैध रूप से भारत में घुसे थे।
अधिकारी ने बताया, “पूछताछ के दौरान उन्होंने (बांग्लादेशियों ने) खुलासा किया कि वे खुली सीमाओं के माध्यम से भारत में घुसे, ट्रेन से दिल्ली पहुंचे और सर्जरी और हार्मोन इलाज के माध्यम से महिला पहचान अपनाकर ट्रांसजेंडर बन गए।” पुलिस ने बताया कि पांचों को निर्वासन कार्यवाही के लिए आर.के. पुरम स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को सौंप दिया गया और मामले की जांच जारी है। इससे पहले, पुलिस ने 27 मार्च को ऐसे ही छह बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा था, जो पुलिस से बचने के लिए ट्रांसजेंडर का वेश धारण किये हुए थे।
एडिशनल DCP सिकंदर सिंह ने कहा, “ये पिछले वीक में भी हमने छह बांग्लादेशियों को जहांगीरपुरी जो पुलिस स्टेशन एरिया है, वहां से हमने उनको डिटेन किया था। उसकी के मामले में हमें एक नाम मिला था मुस्कान जिसने इनको हेल्प किया था छह लोगों को बांग्लादेश से यहां दिल्ली तक पहुंचने में। तो हमारे पास एक नंबर था हमने उस नंबर को सर्च किया था तो उसमें हमें एक और सिम कार्ड मिला, उस सिम कार्ड पर जब हमने जांच को आगे बढ़ाया तो हमें एक और नंबर मिला।”