Chhattisgarh: पुलिस के मुताबिक तीन अलग-अलग राज्यों से कुल 25 लाख रुपये के इनामी दो नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारी ने बताया कि लक्ष्मण मड़कम उर्फ दिनेश और भीमा उर्फ अशोक उर्फ अनिल ने नक्सलियों के अत्याचारों और “अमानवीय” तथा “खोखली” माओवादी विचारधारा से निराश होकर आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने बताया कि मड़कम प्रतिबंधित सीपीआई संगठन के विस्तार प्लाटून भोरमदेव एरिया कमेटी का सदस्य था। अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में उस पर कुल 10 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के मुताबिक मड़कम कबीरधाम में माओवादी हिंसा की सात घटनाओं और छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों में ऐसी चार घटनाओं में शामिल था।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला दूसरा नक्सली भीमा प्रतिबंधित माओवादी संगठन की बटालियन नंबर वन का सदस्य था।उस पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से कुल 15 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने बताया कि भीमा सड़कें खोदने, रास्ते बंद करने के लिए पेड़ काटने और माओवादियों के पोस्टर और बैनर लगाने में शामिल था।
अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की तत्काल सहायता दी गई है और राज्य सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि “आज कबीरधाम जिले में दो माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनके ऊपर 25 लाख का दोनों के ऊपर मिलाकर इनाम है। जिसमें अनिल जो कि बटालियन नंबर वन में अभी कार्यरत था, वो करीब पांच वर्षों तक एमएनसी में काम किया था। 2005 से, पिछले 19 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था। उसके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम शासन से घोषित था, जबकि दूसरा इनामी माओवादी दिनेश उर्फ लक्ष्मण जो है उसके ऊपर 10 लाख का इनाम था, वो एमएनसी के विस्तार प्लाटून टू का सदस्य था। उसकी पत्नी उर्मिला भी माओवादी संगठन में है। उससे भी अपील करता हूं कि वो भी आकर आत्मसमर्पण करे। पिछले एक हफ्ते में तीन माओवादियों ने यहां सरेंडर किया है, टोटल कबीरधाम में अभी तक सात माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है। इनके आत्मसमर्पण करने से इनको 25 हजार रुपये शासन से, दोनों को 25-25 हजार दिया गया है और इनको बाकी पुनर्वास बेनिफिट दिए जाएंगे।”