Amroha: उत्तर प्रदेश में अमरोहा पुलिस ने एक जबरन वसूली गिरोह का खुलासा किया है, जिसमें एक सेवारत सब-इंस्पेक्टर, पीआरडी जवान, एक महिला और अन्य सहयोगी शामिल हैं।
आरोप है कि ये गिरोह लोगों को झूठे बलात्कार के मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे लाखों रुपये वसूलता था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी सब-इंस्पेक्टर नितिन कुमार अब भी फरार है।
पुलिस के मुताबिक, हापुड़ जिले के सिम्भावली थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर नितिन कुमार ने अपने साथी खालिद के साथ मिलकर संभल जिले के निवासी नईम को फंसाने की साजिश रची। नईम को जमीन दिखाने के बहाने बुलाया गया और बाद में उसे गजरौला थाने ले जाया गया, जहां उसे झूठे बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दी गई।
आरोप है कि आरोपी खुद को गजरौला थाने का पुलिसकर्मी बताकर पुलिस की वर्दी में नईम को डराते रहे। इस दौरान प्रकाशमै कौशल नाम की एक महिला को झूठे आरोपों का समर्थन करने के लिए लाया गया। गिरफ्तारी के डर से नईम ने अपने परिजनों से संपर्क कर आरोपियों को पैसे दिलवाए।
पीड़ित की शिकायत पर अमरोहा पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में पुलिस वर्दी पहने एक सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल दिखाई दिए। इसके अलावा, खालिद के मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड से हापुड़ के सिम्भावली थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका सामने आई।
सबूतों के आधार पर पुलिस ने खालिद, महिला कौशल, पीआरडी जवान लखन और एक अन्य आरोपी दीपक को गिरफ्तार किया। उनके पास से 20 हजार रुपये नकद और एक सैमसंग फोल्ड-7 मोबाइल फोन बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार कुछ आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड भी है।
मुख्य आरोपी सब-इंस्पेक्टर नितिन कुमार और उसका एक दुकानदार साथी फिलहाल फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं। अमरोहा के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया कि मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कानूनी कार्रवाई जारी है। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।