Retail inflation: जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.31 फीसदी पर आ गई जो पांच महीनों का निचला स्तर है। ये गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों और दालों की कीमतों में कमी के कारण आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2024 में 5.22 प्रतिशत और जनवरी, 2024 में 5.1 प्रतिशत पर रही थी।
इससे पहले सबसे कम मुद्रास्फीति अगस्त, 2024 में 3.65 फीसदी थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर से ही गिरावट पर है। जनवरी में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 6.02 फीसदी थी, जो अगस्त, 2024 के 5.66 प्रतिशत के बाद सबसे कम थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर, 2024 की तुलना में जनवरी, 2025 की कुल मुद्रास्फीति में 0.91 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये अगस्त, 2024 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है। आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर सबसे अधिक मुद्रास्फीति वाली शीर्ष पांच वस्तुएं- नारियल तेल (54.2 प्रतिशत), आलू (49.61 प्रतिशत), नारियल (38.71 प्रतिशत), लहसुन (30.65 प्रतिशत), मटर (30.17 प्रतिशत) थीं।
दूसरी तरफ, जनवरी में सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति वाली प्रमुख वस्तुएं जीरा (-32.25 प्रतिशत), अदरक (-30.92 प्रतिशत), सूखी मिर्च (-11.27 प्रतिशत), बैंगन (-9.94 प्रतिशत), घरेलू गैस (-9.29 प्रतिशत) थीं। सरकार ने केंद्रीय बैंक को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। मुद्रास्फीति में आई हालिया नरमी को ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत दर रेपो में पांच साल के अंतराल के बाद 0.25 प्रतिशत की कटौती की।