Muzzafarpur: बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही, हालांकि कई नदियों का पानी कम हो गया, मुजफ्फरपुर में बाढ़ से प्रभावित कुछ लोगों ने अपर्याप्त राहत उपायों का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दी, आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) के अनुसार, बिहार में पिछले महीन से दो बार आई आपदा के कारण राज्य के कुल 38 में 30 जिलों के 45 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित हर परिवार के बैंक खाते में 7,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की प्रक्रिया शुरू की, उन्होंने दरभंगा और आसपास के इलाकों में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का भी निरीक्षण किया।
जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने कहा कि “बागमती, बूढ़ी गंडक, गंडक, गंगा और कमला बलान सहित अधिकांश नदियों का पानी कम हो गया है, लेकिन अब भी कई जगहों पर यें खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।”
इसमें बताया गया कि डब्ल्यूआरडी अलर्ट पर है और संवेदनशील जगहों पर बाढ़ के लिए सुरक्षा संबंधित कार्य किए जा रहे हैं। हालांकि, मुजफ्फरपुर जिले के औराई इलाके में बाढ़ प्रभावित कुछ लोग रहात कार्यों से खुश नहीं हैं, उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी राष्ट्रीय राजमार्ग को घंटों जाम रखा और सड़क पर टायर जलाए।
मुजफ्फरपुर की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विद्या सागा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि “पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की ओर से जाम किए गए राजमार्ग को खुलवाया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।” एसपी ने उन खबरों का खंडन किया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।
डीएमडी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बिहार में पिछले महीने से दो बार अचानक आई बाढ़ के कारण 45 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार में सितंबर के तीसरे हफ्ते में बाढ़ के कारण गंगा नदी का पानी बढ़ गया था, जिससे 28.34 लाख लोग प्रभावित हुए थे।
बयान में कहा गया, “राज्य में दूसरी बार अचानक आई बाढ़ के कारण 16.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।” मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ के पहले फेज से प्रभावित परिवारों के खातों में अब तक कुल 307 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं। इसमें कहा गया है, “इसी तरह अन्य बाढ़ प्रभावित परिवारों को नौ अक्टूबर से पहले वित्तीय सहायता दे दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने दरभंगा के बिरौल में राहत शिविर का निरीक्षण किया और इलाके में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। बयान में बताया गया कि कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तय करें कि सभी बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत मिले। उन्होंने राहत शिविर में बच्चे को जन्म देने वाली एक महिला को 10,000 रुपये का चेक भी सौंपा।