Kaimur: नवरात्रि के दौरान बिहार के कैमूर जिले में मां मुंडेश्वरी मंदिर में बकरे की बलि चढ़ाने की परंपरा है, श्रद्धालुओं का कहना है कि बलि के दौरान यहां बकरे को मारा नहीं जाता है। बकरे को माता रानी के चरणों में चढ़ा दिया जाता है।
मंदिर के पुजारी इस बात पर जोर देते हैं कि पूजा के दौरान जानवरों की बलि चढ़ाने की परंपरा पूरी तरह प्रतीकात्मक है, ऐसी मान्यता है कि मां मुंडेश्वरी मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की वास्तुकला को नागर शैली में बनाया गया है।
पुजारी उमेश कुमार मिश्रा का कहना है कि “जो लोग यहां मन्नत मांगते हैं कि हमारा ये काम पूरा हो जाए तो हम घंटा चढ़ाएंगे, नारियल-चूड़ी चढ़ाएंगे, बकरा चढ़ाएंगे। तो जिसकी जैसी मन्नत हो। तो बकरे की यहां हिंसा नहीं होती। बकरे का पहले संकल्प होगा, उसके बाद बकरा माता जी के पास जाएगा। तो हम इसको मां के सामने लेटाकर ….मारेंगे तो बकरा वहां बेहोश हो जाएगा। फिर से… मारेंगे तो पुनः खड़ा होगा। अगर नहीं खड़ा होगा तो वहीं एक मिनट, दो मिनट, चार मिनट, 10 मिनट, जब तक…छोड़ती है तब तक बकरा खड़ा नहीं होता है।”