Election: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित उपकरणों के दुरुपयोग से बचने का परामर्श जारी किया जिसमें कहा गया है कि कृत्रिम रूप से उत्पन्न जानकारी का प्रकाशन और प्रसारण एक गंभीर खतरा है क्योंकि यह सत्य का छद्म रूप धारण कर सकती है।
यह परामर्श राजनीतिक दलों द्वारा की गई इन शिकायतों के बीच आया है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एआई का उपयोग करके गलत सूचना फैला रहे हैं। वर्ष 2024 और इस साल जनवरी में दिशा-निर्देश जारी करने के बाद, निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर परामर्श जारी किया है, जिसमें उसने मुख्य रूप से अपने पहले दिए गए निर्देशों को दोहराया है।
परामर्श में कहा गया है कि एआई का इस्तेमाल कर नेताओं को चुनावी रूप से संवेदनशील संदेश देते दिखाना ‘‘चुनाव क्षेत्र में समान अवसर’’ को प्रभावित करता है।
पार्टी अध्यक्षों और महासचिवों को संबोधित एक पत्र में कहा गया है कि कृत्रिम रूप से तैयार की गई जानकारी को प्रकाशित तथा प्रसारित करना एक गंभीर खतरा और चुनौती है, क्योंकि यह सत्य का छद्म रूप धारण कर सकती है।
निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह परामर्श जारी किया।
आयोग ने कहा कि आधिकारिक पार्टी हैंडल पर कृत्रिम रूप से उत्पन्न या एआई की मदद से छेड़छाड़ करके बनाई गई छवि, ऑडियो या वीडियो, गलत सूचना या हेरफेर करके तैयार की गई सामग्री के किसी भी वाकये को ध्यान में आने या शिकायत मिलने के तीन घंटे के भीतर हटा दिया जाना चाहिए।