Durga Puja: बिहार की राजधानी पटना में दुर्गा पूजा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, अलग-अलग पूजा समितियां अपने-अपने पंडालों को वक्त पर पूरा करने की कोशिश में जुटी हैं। शहर में 1932 से हर साल ये उत्सव मनाती आ रही जानी-मानी खाजपुरा मंदिर कमेटी, इस बार अपने पंडाल का डिजाइन ओडिशा के एक मंदिर की तर्ज पर तैयार कर रही है।
कारीगरों का कहना है कि भव्य रूप से सजाए गए इस पंडाल को बनाने में इको-फ्रेंडली मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। उनके मुताबिक पंडाल में प्राचीन भारतीय महाकाव्यों से जुड़ी कहानियों की झलक भी दिखेगी। पटना का डाकबंगला चौराहा पंडाल भी काफी मशहूर है। इस बार यहां का पंडाल भी एक भारतीय मंदिर की रेप्लिका के रूप में बनाया जा रहा है, इस पंडाल को डिजाइन करने वाले कारीगर पश्चिम बंगाल से आए हैं। उनका कहना है कि इस पंडाल के आर्टवर्क का ज्यादातर हिस्सा उन्होंने अपने गांव में ही बनाया और वे बस इसे आखिरी रूप देने के लिए यहां लाते हैं।
दुर्गा पूजा उत्सव नौ अक्टूबर को शुरू होगा, यह षष्ठी यानी नवरात्रि उत्सव का छठा दिन होगा। इसका समापन नवरात्रि के नौवें दिन होगा, दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन विजयादशमी के दिन होगा। खाजपुरा पूजा कमेटी सदस्य टीपू सिंह ने कहा कि “इस बार दुर्गा पूजा हमारी कमिटियों ने मिलकर सोचा कि कोई अच्छा सा देखा जाए, तो हमने ओडिशा का प्रहरी तितली मंदिर को चुना गया और उसी का रूप दिया जा रहा है। मूर्तिकार हमारा पटना का ही है दानापुर के रहने वाले हैं। पंडाल बनाने वाले कलक्कता के चंदन नगर से हैं, यह इस बार हमारा टोटल खर्च आ गया है 25 लाख रुपया लगभग होगा।”
इसके साथ ही पूजा कमेटी उप-सचिव अमित कुमार सिन्हा ने कहा कि “तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बनाया गया है। तिरुपति बालाजी की तर्ज पर आंध्र प्रदेश के, इसमें फाइबर का यूज हुआ है पूरे पंडाल में, आप देख रहे हैं आप देख रहे हैं कि पूरी डेढ़ सौ दो सौ मूर्ति लगा है इस पंडाल में।”