BJP: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने इस आम धारणा को ‘‘पूरी तरह गलत’’ बताते हुए खारिज कर दिया कि उनका संगठन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए ‘‘सब कुछ’’ तय करता है।
उन्होंने कहा कि सुझाव पार्टी को दिए जाते हैं, लेकिन फैसले पार्टी लेती है। भागवत ने ये भी कहा कि बीजेपी के नए प्रमुख के चयन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं है। विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतिम दिन सवालों के जवाब में भागवत ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी नीत सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है, चाहे वो केंद्र में हो या पार्टी द्वारा शासित राज्यों में।
क्या संघ बीजेपी के लिए हर चीज तय करता है, यहां तक कि अध्यक्ष का चयन भी इस सवाल पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, “ये पूरी तरह से गलत है।” जेपी नड्डा वर्तमान में बीजेपी के अध्यक्ष हैं। वे केंद्रीय मंत्री भी हैं।
भागवत ने कहा, “हम फैसला नहीं करते। अगर हम फैसला कर रहे होते, तो क्या इसमें इतना समय लगता? हम फैसला नहीं करते। हमें फैसला करने की जरूरत नहीं है। अपना समय लीजिए। हमें इस बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं है। आरएसएस के लिए बीजेपी के संबंध में फैसला लेना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास अपने मामलों को संभालने के लिए अपनी विशेषज्ञता है, जैसे आरएसएस के पास अपनी शाखाएं चलाने के लिए है।
भागवत ने कहा, “मैं पिछले 50 सालों से शाखाएं संचालित कर रहा हूं। अगर कोई मुझे शाखा संचालित करने की सलाह देता है, तो मैं उसका विशेषज्ञ हूं। वे कई सालों से सरकार चला रहे हैं। इसलिए वे सरकार मामलों के विशेषज्ञ हैं। हम एक-दूसरे की विशेषज्ञता जानते हैं।” आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सुझाव दिए जा सकते हैं, लेकिन फैसला उन्हें ही लेना होगा, क्योंकि ये उनका क्षेत्र है।
मोहन भागवत, आरएसएस प्रमुख “सब कुछ संघ तय करता है, ये पूर्णतः गलत बात है, ये हो ही नहीं सकता, क्योंकि हम इतने दिनों से…, मैं 50 साल से शाखा चला रहा हूं, तो कोई शाखा के बारे में मुझे सलाह दे, तो मैं एक्सपर्ट हूं, लेकिन वो राज्य चला रहे हैं अनेक वर्षों से, तो राज्य के बारे में एक्सपर्ट वो हैं। तो इस मामले में सलाह तो दे सकते हैं, क्योंकि देखने से भी सीखते हैं लोग, लेकिन फैसला तो उस फील्ड में उनका है, इस फील्ड में हमारा है। हम तय करते तो इतना समय लगता क्या? हम नहीं करते, हमको करना नहीं है, अपना समय लें, हमको कुछ कहना नहीं है।”