Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कटु आलोचक रहे जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार की जेडीयू में वापसी हो गई, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की मौजूदगी में 66 साल के अरुण कुमार को कई समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल कराया गया।
इस मौके पर जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा, “हमने अभी-अभी अरुण कुमार और चंदेश्वर चंद्रवंशी को गले मिलते देखा। वे पूरे मगध क्षेत्र में तूफ़ान लाएंगे।” गौरतलब है कि चंद्रवंशी ने 2019 में अरुण कुमार से जहानाबाद सीट करीब 2,000 वोटों के मामूली अंतर से छीनी थी। मध्य बिहार की यह सीट, 1999 में जेडीयू के अरुण कुमार ने जीती थी, जो मौजूदा वक्त में आरजेडी के पास है।
जेडीयू छोड़ने के बाद “नीतीश कुमार की कमर तोड़ने” की कसम खाकर सुर्खियां बटोरने वाले तुनकमिजाज़ नेता अरुण कुमार ने 2014 में उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले आरएलएसपी के टिकट पर जहानाबाद सीट फिर से जीती। इसके तुरंत बाद उन्होंने कुशवाहा से अलग होकर अपनी पार्टी भारतीय सब लोग पार्टी बना ली, जो 2020 के विधानसभा चुनाव और पिछले साल के लोकसभा चुनाव में कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाई।
अरुण कुमार की वापसी को जहानाबाद के एक दूसरे उच्च जाति के भूमिहार नेता राहुल शर्मा के जेडीयू छोड़ने से हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। घोसी से जेडीयू के पूर्व विधायक शर्मा शुक्रवार को तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी में शामिल हुए थे।
राहुल शर्मा के पिता जगदीश शर्मा इस इलाके के कद्दावर नेता हैं, जिन्होंने जनता पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के टिकट पर और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रिकॉर्ड आठ बार घोसी का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, उन्होंने 2009 में जहानाबाद लोकसभा सीट से जेडीयू के लिए जीत भी हासिल की थी।