Bihar: दरभंगा में मृत घोषित लड़का जिंदा लौटा, पुलिस जांच पर उठे सवाल

 Bihar: बिहार के दरभंगा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां 12 दिन पहले लापता हुआ भोलाराम कुमार, जिसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था, अब जिंदा लौट आया है। इस घटना ने पुलिस जांच की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है।

एक मार्च को अलीलपट्टी रेलवे गुमटी के पास एक बुरी तरह क्षत-विक्षत शव मिला था। शव 20-25 साल के युवक का बताया गया और पुलिस के कथित दबाव में भोलाराम के परिवार ने उसकी पहचान भोलाराम के रूप में कर दी। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस घटना के बाद इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। लोगों ने सड़कें जाम कीं, पुलिस पर पथराव किया, वाहन तोड़े और टायर जलाकर विरोध जताया। घटना के बाद मब्बी थाना प्रभारी दीपक कुमार को निलंबित कर दिया गया और एक युवक राहुल कुमार को भोलाराम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। सरकार की ओर से परिवार को 4.25 लाख रुपये मुआवजा भी दिया गया।

हालांकि, 17 अप्रैल को मामला पूरी तरह पलट गया, जब भोलाराम का भाई धीरज कुमार उसे लेकर दरभंगा की विशेष एससी/एसटी अदालत में पहुंचा। धीरज ने कोर्ट में बताया कि उसे एक व्हाट्सऐप कॉल आया था, जिसमें कहा गया कि भोलाराम नेपाल में है। इसके बाद वो नेपाल के कटारी चौक, इंडस्ट्रीज मिर्चैया पहुंचा और वहां भोलाराम को पाया।

भोलाराम ने बताया कि उसे दो-तीन अज्ञात लोगों ने अगवा कर एक कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने भोलाराम को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया और उसका बयान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 183 के तहत दर्ज करने की अनुमति मांगी। स्पेशल जज शैलेंद्र कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को बयान दर्ज करने का निर्देश दिया।

इस मामले ने न सिर्फ पुलिस की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि एक निर्दोष व्यक्ति को जेल भेजने और परिवार को गलत तरीके से मुआवजा देने जैसे गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि “मेरे पास जो डॉक्यूमेंट्स है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया गया। जिससे ये साबित होता कि लड़का मर चुका है, लेकिन इनके परिजन के द्वारा जो मुझे आधार कार्ड डॉक्यूमेंट्स दिखाया गया और मैंने प्रत्यक्ष रूप से जो लड़के को देखा है, तो उससे लग रहा है कि लड़का जिंदा है। अब तो स्टेटमेंट के बाद जज साहब जो आदेश करेंगे, क्योंकि ये मामला जांच का है और ये गंभीर है। ये जांच का मामला है अब सच्चाई क्या है जांच के बाद ही पता चलेगी।”

 

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