Bihar: बिहार उद्योग विभाग ने 17 जनवरी को पटना में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना कार्यक्रम की मेजबानी की, जहां कम्प्यूटराइज्ड तरीके से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 8,584 लाभार्थियों का सफलतापूर्वक चयन किया। इनमें से 7,153 का चयन शर्तों के साथ किया गया है, जबकि 1,431 को वेटिंग लिस्ट में रखा गया है। ये योजना उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एससी, एसटी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समूहों की मदद करती है।
इसके लिए सरकार के पास 541,000 से ज्यादा आवेदन मिले थे, जिसमें से लाभार्थियों के चयन के लिए कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा उद्यमियों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी सरकार विस्तार दे रही है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें 50 फीसदी सरकार की ओर से अनुदान होता है और बाकि का 50 फीसदी एक फीसदी ब्याज दर से बतौर लोन दिया जाता है। पिछले साल 34,455 लाभार्थियों को 2,832 करोड़ से अधिक आवंटित किया गया था, जिससे ये योजना बिहार में आर्थिक विकास और रोजगार निर्माण में बेहद कामयाब रही।
उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष ने कहा कि “यह जो प्रोग्राम आयोजित हो रहा है इसको पूरी तरह से लाइव वेबकास्टिंग कराया जा रहा है। ट्रांसपेरेंसी के लिए ताकि सारे लाभार्थी इससे जुड़ना चाहे वो पूरी प्रक्रिया को इस लॉट्री की प्रकिया को देख सके और समझ सके और इसको पूरी पारदर्शिता को साथ किया जा रहा है।”
इसके साथ ही उद्योग सचिव बंदना प्रेयशी ने बताया कि “इसको हम लोग पूरी तरह से माइक्रो लेवल पर मॉनिटिरिंग करके इसको भी हम लोग एक दम सुदृढ़ बना देंगे। व्यापार को हम लोग बढ़ावा देंगे। ये सब कुछ प्लानिंग है मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में।”
नीतीश मिश्रा, उद्योग एवं पर्यटन मंत्री, बिहार “उन सबको हम रीजनल लेवल पर क्षेत्रिय स्तर पर प्रशिक्षित करने की कार्रवाई करेंगे। विभाग द्वारा य़े भी तय किया गया है कि जो हमारे उद्यमी के उत्पाद हैं उनको बेहतर मार्केट हम कैसे दें। उनको एक बाजार हम कैसे उपलब्ध कराएं। उनकी ब्रांडिंग हम कैसे बेहतर कर सकें अगर प्रचार प्रसार की आवश्यकता हो तो उसमें हम कैसे मदद कर सकते हैं। उनकी गुणवत्ता बेहतर रहे तो आवश्यकता पड़ेगी तो विभाग स्तर पर कुछ कॉमन फैसिलिटी सेंटर पर भी हम निर्माण पर विचार करेंगे।”