Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर भोजपुरी की फेमस लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर दुख जताया है,नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा के निधन को संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
एक्स पर पोस्ट में उन्होंने लिखा, “बिहार कोकिला, पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा जी का निधन दुःखद। वे मशहूर लोक गायिका थीं। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिन्दी गीत भी गाये थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। स्व० शारदा सिन्हा जी के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।”
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 27 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद आज सुबह से ही उनकी तबीयत नाजुक बनी हुई थी।
एम्स के मुताबिक 72 साल की गायिका 2017 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थी और उन्हें एम्स के कैंसर संस्थान ‘इंस्टिट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल’ के आईसीयू में रखा गया था। मिथिला की बेगम अख्तर के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले में एक नवंबर 1952 को हुआ। संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें बिहार कोकिला कहा जाता था। गायन में उनके योगदान के लिए उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
22 सितंबर, 2024 को शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा का निधन हो गया था। पति के देहांत के बाद से वो सदमे में थीं जिससे धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। शारदा सिन्हा बेशक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें और उनके गीत हमेशा लोगों की जुबान पर रहेंगे।
बिहार की लोक गायिका ने दशकों तक अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया। उन्होंने छठ से लेकर बेटी की विदाई के अनगिनत गीत गाए, छठ से पहले उनका नया गया ‘दुखवा मिटायिन छठी मैया’ रिलीज किया गया है।दर्शक इसे खूब पसंद कर रहे हैं. लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मैथिली,भोजपुरी और मगही भाषा में कई गाने गाए।
कहते हैं शारदा सिन्हा को अपने गीतों को लेकर इतना जुनून था कि वो गाने से पहले अपने मायके, ससुराल और यहां तक की परिवार के बुजुर्गों से जानकारी लेतीं थीं। शायद यही वजह है कि शादी की कोई रस्म ऐसी नहीं है जिसके लिए उन्होंने गीत न गाए हो।
बिहार की लोक गायिका को कई बार हिंदी फिल्मों में गाने के लिए बड़े ऑफर मिले। उन्होंने साल 1994 में आई फिल्म “हम आपके हैं कौन” में विदाई गीत ‘बाबुल” और “कहे तो” और सलमान खान की पहली सुपरहिट फिल्म “मैंने प्यार किया’ का गीत “सजना” गाया। उन्होंने गैंग्स ऑप वासेपुर-2 में भी अपनी मधुर आवाज दी लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी लोक शैली से समझौता नहीं किया। शारदा सिन्हा के इस दुनिया को अलविदा करने से माहौल गमगीन हैं। बिहार के लोक कलाकारों से लेकर राजनीति के दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है।