New Delhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ कथित दुर्व्यवहार के बाद भारत न सिर्फ एक मरी हुई अर्थव्यवस्था बन रहा है, बल्कि एक मरा हुआ समाज भी बन रहा है। गांधी ने कहा कि उच्च न्यायालय से आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने के खिलाफ बलात्कार पीड़िता दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रही थी, उसके साथ सम्मान से पेश आना चाहिए था। उसे डर दिखाने के बजाय न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
लोक सभा में विपक्ष के नेता ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, “क्या सामूहिक बलात्कार पीड़िता के साथ ऐसा बर्ताव सही है? क्या ये उसकी ‘गलती’ है कि उसमें न्याय के लिए आवाज उठाने की हिम्मत है? “उसके अपराधी (पूर्व बीजेपी विधायक सेंगर) को जमानत मिलना बहुत निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर जब पीड़िता को बार-बार परेशान किया जा रहा है और वो डर के साये में जी रही है।”
उन्होंने कहा “बलात्कारियों को जमानत और पीड़ितों के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव- यह किस तरह का न्याय है? हम सिर्फ एक मरी हुई अर्थव्यवस्था नहीं बन रहे हैं, ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ, हम एक मरा हुआ समाज भी बन रहे हैं।” गांधी ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति के लिए आवाज उठाना अधिकार है और इसे दबाना अपराध है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “पीड़ित को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए, लाचारी, डर और अन्याय नहीं।” 2017 की उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के बीजेपी से निकाले गए नेता सेंगर की जेल की सजा निलंबित करने के फैसले को अपने परिवार के लिए “काल” बताया और कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगी।
बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने सेंगर को जमानत देने के फैसले के खिलाफ दिल्ली में मंडी हाउस के पास विरोध प्रदर्शन किया, इस बीच दोनों दिल्ली में राहुल गांधी से मिल रही हैं। अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि सेंगर पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं आएगा और न ही पीड़िता या उसकी मां को धमकी देगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत अपने आप निरस्त हो जाएगा।
हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा क्योंकि वह बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। जब 2017 में सेंगर ने पीड़िता को अगवा कर बलात्कार किया था, तब वह नाबालिग थी।