Nitish Kumar: प्रख्यात गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि पर्दा प्रथा के खिलाफ उनके विचार जगजाहिर हैं, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सार्वजनिक समारोह में महिला का हिजाब खींचना उन्हें स्वीकार्य नहीं है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसने एक बड़ा राजनैतिक विवाद खड़ा कर दिया है। ये घटना मुख्यमंत्री के सचिवालय ‘संवाद’ में घटी, जहां मुख्यमंत्री कार्यक्रम में एक हजार से अधिक आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे थे।
जब महिला नियुक्ति पत्र लेने आई, तो नीतीश कुमार ने उसका हिजाब देखा और कहा, ‘यह क्या है?’ फिर उन्होंने हिजाब हटा दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जावेद अख्तर ने कहा कि वो इस घटना की “कड़ी शब्दों में” निंदा करते हैं।
जावेद अख्तर ने लिखा, “जो भी मुझे थोड़ा बहुत भी जानता है, उसे ये मालूम है कि मैं पारंपरिक पर्दा प्रथा का कितना विरोधी हूं, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि मैं नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के साथ किए गए इस कृत्य को किसी भी तरह से स्वीकार कर लूं… नीतीश कुमार को उस महिला से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।” पटना की घटना की पश्चिम एशियाई देशों समेत देशभर में आलोचना हो रही है और जेडीयू अध्यक्ष पर मुस्लिम परंपराओं का अपमान करने का आरोप लग रहा है।
जावेद अख्तर अक्सर “पर्दा” के खिलाफ बोलते रहे हैं और हाल ही में 2025 में एक साहित्यिक उत्सव में, जब एक छात्रा ने उनसे पूछा कि उनका पालन-पोषण ऐसी महिलाओं ने किया है जो कभी बुर्का नहीं पहनती थीं, तो उन्होंने कहा, “तो आपके अनुसार, अगर कोई महिला अपना चेहरा ढकती है तो वो कमजोर हो जाती है?”
अख्तर ने जवाब दिया, “आपको अपने चेहरे से शर्म क्यों आनी चाहिए? क्यों आनी चाहिए? मेरा मानना है कि खुले कपड़े – चाहे पुरुष पहनें या महिलाएं – गरिमा बनाए रखे।लेकिन उन्हें अपना चेहरा ढकने के लिए क्या मजबूर करता है? उनके ढके हुए चेहरे में ऐसा क्या भद्दा, अश्लील और गरिमाहीन है? क्यों? ये तो साथियों का दबाव है।”