IND vs SA: भारत की नजरें टी20 श्रृंखला जीतने पर, कप्तान सूर्या पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव

IND vs SA: उप-कप्तान शुभमन गिल का खराब प्रदर्शन चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन साथ ही खराब फॉर्म से जूझे रहे कप्तान सूर्यकुमार यादव भी समीक्षा के दायरे में हैं क्योंकि भारत बुधवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में सही संतुलन तलाश कर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैच की श्रृंखला में विजयी बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगा। तीसरे मैच में सूर्यकुमार के पास वे लय हासिल करने का अच्छा मौका था जिसने उन्हें दुनिया का शीर्ष बल्लेबाज बनाया था क्योंकि भारत 118 रन के मामूली लक्ष्य का पीछा किया कर रहा था लेकिन उन्होंने यह मौका गंवा दिया और सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए।

एक समय उनका दबदबा स्थापित करने वाले शॉट अनियमित परिणाम दे रहे हैं और धर्मशाला में मैच भी अलग नहीं था क्योंकि वह अपना चिर-परिचित पिक-अप शॉट खेलते हुए आउट हुए जो उनके निरंतर संघर्ष को उजागर करता है। सूर्यकुमार ने हालांकि कहा कि वे खराब फॉर्म से नहीं जूझ रहे। उन्होंने रविवार को धर्मशाला में भारत की जीत के बाद कहा, ‘‘मैं नेट में शानदार बल्लेबाजी कर रहा हूं। मैं वह सब कुछ करने की कोशिश कर रहा हूं जो मेरे नियंत्रण में है। जब रन आने होंगे तो वे निश्चित रूप से आएंगे। मैं खराब फॉर्म से नहीं जूझ रहा लेकिन निश्चित तौर पर रन नहीं बना पा रहा।’’

हालांकि, आंकड़े एक चिंताजनक कहानी बताते हैं।भारतीय कप्तान एक साल से अधिक समय से लय हासिल करने के लिए जूझ रहे हैं। मौजूदा सत्र में इस प्रारूप में उनका औसत 15 से कम है। इसके अलावा 2025 में उनके नाम कोई अर्धशतक नहीं है जो उनके करियर में इस तरह का सबसे लंबा चरण है। वह इस दौरान केवल दो बार 20 गेंद से अधिक बल्लेबाजी करने में सफल रहे हैं।

टी20 विश्व कप में दो महीने से भी कम समय बचा है और ऐसे में गत चैंपियन टीम चाहेगी कि उनका कप्तान और प्रमुख बल्लेबाज जल्द से जल्द लय फिर से हासिल कर ले। शुभमन गिल का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा है। उनके पारी का आगाज करने से भारत का शीर्ष क्रम अस्थिर हो गया है। गिल ने अच्छी तरह से स्थापित संजू सैमसन की जगह ली। विकेटकीपर बल्लेबाज को अभिषेक शर्मा के साथ एक प्रभावी साझेदारी बनाने के बावजूद पहले निचले क्रम में धकेल दिया गया और अंततः बाहर कर दिया गया।

गिल ने अन्य प्रारूपों में अपना स्तर दिखाया है लेकिन टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्हें अब भी उस आश्वस्त बल्लेबाज की झलक नहीं दिखाई है जो वह टेस्ट और एकदिवसीय में है। वह रविवार को कम लक्ष्य का पीछा करते हुए भी सिर्फ 28 रन ही बना पाए जिसने विश्व कप से पहले चिंताओं को कम नहीं किया है। विश्व कप से पहले भारत के पास इस प्रारूप में अब सिर्फ सात मैच हैं। अक्षर पटेल के बीमारी के कारण श्रृंखला से बाहर होने के बाद भारत ने शाहबाज अहमद को टीम में शामिल किया है जिससे कुलदीप यादव को अधिक मौके मिल सकते हैं।

निजी कारणों से पिछला मैच नहीं खेलने के बाद जसप्रीत बुमराह की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। उनकी अनुपस्थिति में अर्शदीप सिंह पिछले मुकाबले में मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए जबकि हर्षित राणा ने भी धर्मशाला में उनका अच्छा साथ दिया। भारत फिलहाल पांच मैच की श्रृंखला में 2-1 से आगे है।श्रृंखला में अब तक किस्मत बहुत तेजी से बदली है। पहले मैच में भारत का दबदबा था लेकिन दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने बाजी पूरी तरह से पलट दी।

तीसरे मैच में भारत ने फिर एकतरफा जीत दर्ज की और दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला को जीवंत रखने के लिए बुधवार को हर हाल में जीत हासिल करने के इरादे से उतरेगा। पिछले साल जून में टी20 विश्व कप फाइनल के बाद से दक्षिण अफ्रीका ने सबसे छोटे प्रारूप में 28 में से 18 मैच गंवाए हैं जो प्रदर्शन में निरंतरता की कमी को दर्शाता है। दक्षिण अफ्रीका को व्यवस्थित संयोजन की तलाश है और इसके लिए टीम प्रबंधन लगातार बदलाव कर रहा है जिससे खिलाड़ी लय हासिल नहीं कर पा रहे और टीम को मैच गंवाने पड़े हैं।

पिछले सत्र की उप-विजेता टीम के पास नौ फरवरी को टी20 विश्व कप के अपने पहले मैच से पूर्व अंतिम एकादश को अंतिम रूप देने के लिए पांच मैच बचे हैं जिसमें से दो भारत के खिलाफ जबकि तीन घरेलू सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ हैं। यह देखना होगा कि टीम खिलाड़ियों के रोटेशन की नीति पर कायम रहती है या नहीं।

टीम इस प्रकार हैं: भारत: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, एनटी तिलक वर्मा, शाहबाज अहमद, हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, जितेश शर्मा, वरुण चक्रवर्ती, अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, संजू सैमसन, हर्षित राणा, कुलदीप यादव और वाशिंगटन सुंदर।

दक्षिण अफ्रीका: एडेन मारक्रम (कप्तान), क्विंटन डिकॉक, रीजा हेंड्रिक्स, डेवाल्ड ब्रेविस, डेविड मिलर, ट्रिस्टन स्टब्स, डोनोवन फरेरा, मार्को यानसेन, लूथो सिपाम्ला, ओटनील बार्टमैन, एनरिक नोर्किया, लुंगी एनगिडी, कोर्बिन बॉश, केशव महाराज और जॉर्ज लिंडे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *