Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से जिंदगी मुश्किल बनी हुई है। इससे खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहा है। एक महीने से ज्यादा वक्त से राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कई लोग गले में खराश और फेफड़ों से जुड़ी दूसरी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों को मास्क लगाए देखा जा सकता है। वे सरकार से जल्द से जल्द प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने की अपील कर रहे हैं।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर से सेहत को गंभीर खतरे हो सकते हैं, जिसमें हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और ब्रोंकाइटिस से जुड़े मामलों का बढ़ना शामिल है। लंबे समय से दिल्ली में रह रहे लोग इस हालात को अभूतपूर्व और निराशाजनक बता रहे हैं। वे सरकार से प्रदूषण नियंत्रण को प्राथमिकता देने की अपील कर रहे हैं। डॉक्टर लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि बाहर निकलना खतरनाक है। वे लोगों को सलाह दे रहे हैं कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। वे घरों और ऑफिस में एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने की भी सलाह दे रहे हैं।
घूमने के लिए दिल्ली पहुंचे कई पर्यटकों का कहना है कि प्रदूषण ने सर्दी के सीजन में शहर में घूमने-फिरने का मजा किरकिरा कर दिया है। कई लोगों का कहना है कि जब वे बाहर निकलते हैं तो उनकी आंखों से पानी आने लगता है या गले में खराश हो जाती है। लगातार आलोचना झेल रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि प्रदूषण और जलभराव जैसे मुद्दे दशकों पुराने हैं, और उनकी सरकार लंबे समय के समाधान के लिए काम कर रही है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मंगलवार को थोड़ा सुधार देखा गया। एक्यूआई यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 377 पर पहुंच गया जो एक दिन पहले 498 पर था। हालांकि घनी धुंध छाई रही, जिससे सुबह के वक्त दृश्यता कम हो गई और लोगों को सही मायने में कम ही राहत मिली।