लड़का हो या लड़की, बचपन में हर किसी ने काजल से आंखें रंगी हैं. काजल ने कभी खूबसूरत बनाया है, तो कभी नजर से बचाया है. हममें से शायद ही कोई जानता होगा कि आखिर काजल असल में कहां से आया? क्योंकि मां ने तो घर पर घी का दीपक जलाकर काजल बनाया था. या फिर अपनी आंख का काजल हमारे कान के पीछे लगाया था.पर सवाल उठता है कि आखिर काजल को इतना महत्वपूर्ण बनाने वाला पहला शख्स कौन रहा होगा? कैसे काजल न केवल भारतीय संस्कृति में बल्कि कई और सभ्यताओं में भी टोटके और खूबसूरती के सुंदर प्रतीक के रूप में पहचान बना पाया?
मिस्र से जुड़ा है काजल का रहस्य
काजल को सुरमा, कोहल और कोल जैसे शब्दों से भी जाना जाता है. भारत में महिलाओं के सोहल श्रृंगार को तो काजल के बिना अधूरा ही माना जाता है. भला कौन सी दुल्हन होगी जो काजल के बिना नजर आए या फिर किस घर के बच्चे को काजल का टीका नहीं लगाया जाता? आजकल काजल पेंसिल के रूप में आ गया है और मेकअप बॉक्स की शोभा बढ़ा रहा है. पर एक वक्त था, जब काजल घी के दीपक के उपर छोटी सी डिब्बी को उल्टा रखकर बनाया जाता था. यह काजल बनाने का परंपरागत तरीका रहा है. काजल और कोहल शब्द अरबी भाषा के कुहल से निकले हैं. यह धारणा गलत है कि भारतीय पुरातन इतिहास काजल के अविष्कार का कारक है. बल्कि काजल का सबसे पहले इस्तेमाल मिस्र में किया गया. इतिहासकारों के अनुसार काजल का अविष्कार और इस्तेमाल मिस्र में 3100 बीसी में शुरू हुआ. सबसे पहले काजल का उपयोग आंखों से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए किया गया. चिकित्सकों ने पाया कि यदि काजल रोजाना इस्तेमाल करते हैं तो फुंसी, गुहेरी और आंखों से पानी आने जैसी समस्याएं नहीं होती. तभी से काजल को रोजाना इस्तेमाल में शामिल किया गया.
न केवल महिलाएं बल्कि पुरूष और बुजुर्ग भी काजल का बखूबी इस्तेमाल करते थे. उनका मानना था कि काजल लगाने से आंखें सूरज की तेज रौशनी में सुरक्षित रहती हैं और चमक के दौरान आंखें साफ देख पाती हैं.
उनका मानना था कि कोहल कठोर सूरज किरणों से आंखों की रक्षा कर सकता है, और इसलिए आंखों के ऊपरी और निचले भाग को काजल की रेखाओं से ढांक लिया जाता था. इसे ‘गैलेना आई पेंट’ का भी नाम दिया गया.
मिस्त्र के साथ ही अफ्रीकी देशों की आदिवासी जनजातियों में भी काजल का इस्तेमाल देखा गया है. वे न केवल आंखों में बल्कि माथे, नाक और शरीर के अन्य अंगों में भी काजल का प्रयोग करते आए हैं.
महिलाएं अक्सर अपनी आंखों की ख़ूबसूरती को बढ़ाने के लिए काजल का उपयोग करती हैं लेकिन यह हमारी आंखों को कई प्रकार से लाभ भी पहुंचाता है। आंखों की कई प्रकार की बीमारियां अक्सर देखने में आती है। काजल इन सभी से हमारा बचाव करता है। आप यदि काजल लगाती हैं तो इससे न सिर्फ आपकी ख़ूबसूरती बढ़ती है बल्कि कई प्रकार के फायदे भी आपको मिलते हैं।
काजल लगाने से मिलते है कई फायदें
आंखों में काजल लगाने से आपकी आंखें ज्यादा आकर्षक लगती हैं। इससे आपकी आंखों की शेप तथा आपका लुक भी सुंदर लगता है। वर्तमान में बहुत सी महिलायें पेंसिल वाले काजल का यूज करती हैं।
काजल आपकी आंखों की रौशनी को भी बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें की आंखों की रौशनी को बढ़ाने के लिए आप सदैव घर बना काजल ही प्रयोग करें।
कभी कभी आंखों में कीट पतंगे गिर जाते हैं तो आंखों से पानी आने लगता है। यदि आप काजल का नियमित रूप से प्रयोग करती हैं तो इस प्रकार की समस्या आपके सामने कभी नहीं आती है।