Shashi Tharoor: शशि थरूर ने साफ तौर पर कहा कि वह विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर दिए जाने वाले किसी भी पुरस्कार को स्वीकार नहीं करेंगे और न ही इससे जुड़े किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने ये भी कहा कि “आयोजकों द्वारा मेरी सहमति के बिना मेरे नाम की घोषणा करना गैरजिम्मेदाराना हरकत थी।” पुरस्कार समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे इसके बारे में कल ही पता चला। मैं नहीं जा रहा हूं। मैं वहां नहीं आ रहा हूं।”
इसके बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद ने कहा, “पुरस्कार के स्वरूप, इसे देने वाले संगठन या किसी अन्य प्रासंगिक जानकारी के अभाव में आज कार्यक्रम में मेरी उपस्थिति या पुरस्कार स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता।” उन्होंने आगे कहा कि मंगलवार को स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान करने के लिए केरल जाने पर उन्हें मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि उन्हें पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
थरूर के मुताबिक उन्होंने तब साफ किया था कि उन्हें ऐसे किसी पुरस्कार की जानकारी नहीं थी और न ही उन्होंने इसे स्वीकार किया था। थरूर ने आगे कहा, “इसके बावजूद आज दिल्ली में मीडिया के कुछ लोग वही सवाल पूछते रहते हैं। इसलिए मैं इस मामले को स्पष्ट करने के लिए यह बयान जारी कर रहा हूं।”
थरूर को हाईरेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एचआरडीएस) इंडिया द्वारा स्थापित पहले वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवार्ड 2025 के लिए चुना गया था।