Jabalpur: मध्य प्रदेश के जबलपुर में पुलिस ने एक नवंबर से 30 नवंबर तक बाल सुरक्षा और पुनर्वास पर केंद्रित एक महीने तक ‘मुस्कान’ अभियान चलाया।
सीएसपी आशीष जैन के अनुसार, इस अभियान के दो मुख्य उद्देश्य थे- एक से से 17 साल की आयु के बच्चों के लिए स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित करना और लापता बालक-बालिकाओं, विशेषकर नाबालिगों का पता लगाकर उन्हें उनके परिवारों से मिलाना।
आशीष जैन ने बताया कि इस पहल के तहत जबलपुर पुलिस ने 73 लापता बच्चों का पता लगाया, जिनमें 53 नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से बच्चों का पता लगाया गया और उन्हें सुरक्षित रूप से उनके परिवारों को सौंप दिया गया।
बचाए गए बच्चों से बातचीत के दौरान पुलिस को पता चला कि कई बच्चे मतभेदों या भावनात्मक तनाव के कारण घर छोड़कर चले गए थे। माता-पिता के ध्यान की कमी, अपर्याप्त जागरूकता, सीमित शिक्षा और परिवारों में आर्थिक तनाव नाबालिगों के घर छोड़ने के प्रमुख कारणों थे।
सीएसपी ने आगे कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि ‘ऊर्जा डेस्क’ और ‘शक्ति टास्क फोर्स’ जैसी विशेष इकाइयां नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर ध्यान दे रही हैं।