Vande Mataram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम् के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया और 1975 में लगाए गए आपातकाल का हवाला देते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय गीत के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और संविधान का गला घोंट दिया गया था।
उन्होंने सदन में, राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे होने के मौके आयोजित विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए ये भी कहा कि ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गया था, हर भारतीय का संकल्प बन गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस ‘वंदे मातरम्’ का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 साल पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘’वंदे मातरम्’ की 150 वर्ष की यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष हुए थे, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। जब ‘वंदे मातरम्’ के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और जब वंदे मातरम् का अत्यंत उत्तम पर्व होना चाहिए था, तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वंदे मातरम् के 100 साल हुए, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘जिस ‘वंदे मातरम्’ गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी, उसके 100 साल पूरे होने पर हमारे इतिहास का एक काला कालखंड दुर्भाग्य से उजागर हो गया।’’