Jammu: जम्मू में पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार मेला आयोजित, नई जिम्मेदारियों के लिए बेहतर मौके

Jammu:  सशस्त्र बलों में सालों सेवा देने के बाद, जब पूर्व सैनिक संभावित कंपनियों से जुड़ते हैं, तो उनके लिए रोजगार पाना आसान होता है। इसी मकसद से जम्मू में पूर्व सैनिक पुनर्वास महानिदेशालय ने रोजगार मेला आयोजित किया।

पूर्व सैनिक पुनर्वास महानिदेशालय के निदेशक कर्नल प्रदीप कार्की ने बताया कि “यहां पर डायरेक्टर रिसेटलमेंट द्वारा करीबन 55 कंपनियां इस इलाके की लाई गई हैं और इन कंपनियों ने तकरीबन 550 से 600 जॉब्स ऑफर की हैं और आज टोटल पार्टिसिपेशन अगर आपने देखा तो 1100 से 1200 के बीच में एक्स सर्विसमेन आए हैं।”

राज्य सैनिक बोर्ड के सचिव ब्रिगेडियर पंकज छिब ने कहा कि “यदि हमारा विकसित भारत 2047 का लक्ष्य है तो उस लक्ष्य में ये है कि हरेक आदमी, जो कम से 60-65 साल तक पहुंचता है, उससे पहले वो इस विकसित भारत में योगदान दे और योगदान हर तरह से हो सकता है। काम करके भी हो सकता है, खुद काम देने से हो सकता है। तो यहां पर देख रहा हूं, तकरीबन 55 कंपनियां आ रखी हैं आज और मुझे पक्का उम्मीद है कि यहां से आज काफी लोगों को इम्प्लॉयमेंट मिलेगी।”

पूर्व सैनिकों ने उत्साह के साथ रोजगार मेले में हिस्सा लिया, उन्हें मालूम था कि ऐसे आयोजनों से उन्हें नई जिम्मेदारियां मिलने की संभावना बढ़ जाती है, जो अमूमन आसानी से नहीं मिलती।

इसके साथ ही पूर्व सैनिक रजनीश मिन्हास ने कहा कि “जिनकी आज 28 साल या 30 साल सर्विस करके रिटायर हो रहे हैं, तो उस टाइम पे उन्होंने 10थ या ज्यादा से ज्यादा उन्होंने 12थ पास करके भर्ती हुए होंगे। तो उनके लिए आज के टाइम पे जॉब लेना अपने आप में एक बहुत बड़ा कम्पिटिशन है। कम्पिटिटिव एग्जाम वगैरह की तैयारी करके। तब जाकर के हम जॉब ले पाते हैं। तो डीजीआर ने इस तरह का यहां पे मेला ऑर्गेनाइज करवाया हुआ है, जोकि उस तरह के जौ फौजी हैं, जो यहां पर सिक्योरिटी के लिए जॉब्स, सिक्योरिटी ऑफिसर्स के लिए जॉब्स, तो इस तरह के बहुत सारे जॉब्स प्रोवाइड करवा रहे हैं यहां पे।”

वहीं आईसीआईसीआई प्रूडेंशिय सीनियर मैनेजर प्रतीक वर्मा ने बताया कि “यह सभी बहुत इंटेरेस्टेड हैं। एक आर्मी की फील्ड से निकल करके अभी कॉर्पोरेट वर्ड में आना चाह रहे हैं। तो हमारे पास एक्स सर्विसमेन हैं। तो इनके लिए डिफरेंट-डिफरेंट तरह की फील्ड रहती हैं। एक तो सेल्स की फील्ड है हमारे पास। ऑन रोल, ऑफ रोल – दोनों हैं। इन्डिविजुअल का अपना-अपना अलग-अलग हिसाब-किताब होता है।”

भर्ती करने वाली कम्पनियों का कहना है कि वे सशस्त्र सेना रेजिमेंटों से परे दुनिया में सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए उपयुक्त भूमिका का आकलन करेंगी और उन्हें प्रशिक्षित करेंगी।

पुनर्वास महानिदेशालय 2014 से ही भूतपूर्व सैनिकों और भर्ती करने वाली कम्पनियों के बीच पुल का काम कर रहा है। इस बार जम्मू में 56वां रोजगार मेला आयोजित किया गया है।

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