New Delhi: इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द, पायलट संगठनों ने एयरलाइन को ठहराया जिम्मेदार

New Delhi: गुरुवार को इंडिगो की उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने के साथ पायलट संगठनों ने मौजूदा संकट के लिए एयरलाइन द्वारा ‘नौकरियों पर रोक’ लगाने को जिम्मेदार ठहराया। पूरे भारत में इंडिगो की उड़ानें रद्द कर दी गईं. क्योंकि एयरलाइन को पायलटों के लिए नए उड़ान-ड्यूटी और आराम अवधि के नियमों के मद्देनजर अपनी उड़ानों के संचालन के लिए आवश्यक चालक दल की व्यवस्था करने में कठिनाई हो रही थी।

एयरलाइन पायलट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कैप्टन सैम थॉमस ने कहा, “एसोसिएशन के रूप में हम डीजीसीए के ध्यान में ये बात लाते रहे हैं कि जब भी जारी किए गए नियम एयरलाइनों के पक्ष में नहीं होते हैं, तो वे बिगड़े हुए बच्चों की तरह उड़ानों में देरी करते हैं, व्यवधान पैदा करते हैं, जिससे जनता को भारी असुविधा होती है, ताकि वे मंत्रालय या डीजीसीए पर दबाव डालकर अपनी बात मनवा सकें।”

डीजीसीए पहले ही कह चुका है कि वो इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान की जांच कर रहा है और उसने एयरलाइन से मौजूदा स्थिति के कारणों के साथ-साथ उड़ान रद्द होने और देरी को कम करने की अपनी योजनाएं बताने को कहा है। एपीएआई अध्यक्ष ने कहा, “मौजूदा उड़ान ड्यूटी समय सीमा लागू करने से पहले सभी एयरलाइनों को पर्याप्त समय दिया गया था। उनके लाख कहने और डीजीसीए द्वारा इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने से पीछे हटने के बावजूद, अब हम खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं जहां एयरलाइनों के पास इन उड़ानों को समय पर संचालित करने के लिए आवश्यक संख्या में पायलट नहीं हैं, या ऐसा वे दावा करते हैं।”

पायलटों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने सुरक्षा नियामक डीजीसीए से आग्रह किया है कि वो एयरलाइनों के मौसमी उड़ान कार्यक्रमों को तब तक मंजूरी न दे जब तक कि उनके पास नई उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) मानदंडों के अनुसार अपनी सेवाओं को “सुरक्षित और विश्वसनीय” रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी न हों।

बुधवार देर रात नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को लिखे एक पत्र में एफआईपी ने आग्रह किया कि यदि इंडिगो “अपने स्वयं के कर्मचारियों की कमी के कारण यात्रियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल” रहती है, तो वो अन्य एयरलाइनों को स्लॉट का पुनर्मूल्यांकन और पुनर्वितरण करने पर विचार करे, जो छुट्टियों और कोहरे के मौसम में बिना किसी व्यवधान के उन्हें संचालित करने की क्षमता रखती हैं।

प्रतिदिन लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने वाली एयरलाइन ने बुधवार को कहा कि “कई अप्रत्याशित परिचालन चुनौतियों” के कारण पिछले कुछ दिनों में पूरे नेटवर्क में उसका परिचालन काफी बाधित हुआ है। एयरलाइन ने यात्रियों से असुविधा के लिए माफी मांगी है।

इंडिगो संकट की गूंज संसद में भी सुनाई दी। शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “एक ऐसा द्वि-एकाधिकार स्थापित हो गया है, जहां केवल दो एयरलाइनों के पास सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है और जनता के पास कोई और एयरलाइन विकल्प नहीं है, इसलिए यात्रियों की असुविधा उनकी सबसे कम चिंता है।”

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