Prayagraj: उत्तर प्रदेश में संगमनगरी प्रयागराज में आगामी माघ मेले की तैयारियां चल रही हैं। मेले में आने वाले साधु-संतों के समूहों को तंबू लगाने के लिए जमीन आवंटन करने की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।
माघ मेले में सबसे पहले दंडी संन्यासियों को भूमि का आवंटन किए जाने की परंपरा है, दंडी सन्यासी मुख्य रूप से दशनामी संप्रदाय से जुड़े साधु होते हैं, जो पारंपरिक रूप से आदि शंकराचार्य से जुड़ा मठ है।
एक तरफ साधु-संतों को जमीन आवंटन का काम जारी है तो वहीं मेले से जुड़ी दूसरी तैयारियों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इससे शहर में आध्यात्मिक सामगम का माहौल तैयार हो गया है जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
इसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। संगम की रेत पर बसने वाली टेंट सिटी के लिए बड़े पैमाने पर की जा रही सुरक्षा तैयारियों के तहत, पुलिस और जिला प्रशासन ने मिलकर तीन- स्तर का पुख्ता सुरक्षा प्लान बनाया है।
हिंदू महीने माघ में लगने वाला यह मेला प्रयागराज में हर साल होने वाला आयोजन है।
इस दौरान श्रद्धालु पवित्र तिथियों पर संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं और आध्यात्मिक शुद्धि और धार्मिक पुण्य की कामना करते हैं। इस बार 44 दिनों तक चलने वाला माघ मेला अगले साल तीन जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा।