Modi-Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर से भारत का दो दिन का दौरा करेंगे, पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली आएंगे। इससे द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘(राष्ट्रपति पुतिन की) आगामी राजकीय यात्रा भारत और रूस के नेतृत्व को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने, ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को मजबूत करने के लिए दृष्टिकोण निर्धारित करने और आपसी हित के क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी।’’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पुतिन का स्वागत करेंगी और उनके सम्मान में भोज देंगी, मोदी-पुतिन वार्ता का मुख्य फोकस रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने पर होने की उम्मीद है।
बातचीत में यूक्रेन विवाद पर भी खास तौर पर चर्चा होने की संभावना है, भारत रूस से अतिरिक्त एस-400 जमीन-से-हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम की खेप खरीदने पर विचार कर रहा है क्योंकि ये हथियार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहुत असरदार साबित हुए।
जानकारी मिली है कि प्रस्तावित खरीददारी दोनों पक्षों के बीच वार्ताओं में शामिल हो सकती है। भारत और रूस के बीच एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करते हैं ताकि सभी तरह के संबंधों की समीक्षा की जा सके।
अब तक 22 वार्षिक शिखर बैठकें भारत और रूस में बारी-बारी से हुई हैं, मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि आगामी शिखर सम्मेलन से द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण नतीजे मिलने की उम्मीद है।
रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नई दिल्ली का दौरा किया था, पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी सालाना शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए
थे। रूस भारत का पुराना सहयोगी और नई दिल्ली की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है।