Karnataka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां श्री कृष्ण मठ में कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश युद्ध की भूमि पर दिया था और भगवद् गीता हमें सिखाती है कि शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत भी आवश्यक है।
यहां लक्ष कंठ गीता परायण (गीता के एक लाख श्लोकों के सामूहिक पाठ) में गीता के पुरुषोत्तम अध्याय के पाठ में शामिल होने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “राष्ट्र की सुरक्षा नीति का मूल भाव यही है। हम वसुधैव कुटुंबकम भी कहते हैं और धर्मो रक्षति रक्षितः का मंत्र भी दोहराते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम लाल किले से श्री कृष्ण का करुणा का संदेश भी देते हैं और उसी प्राचीर से मिशन सुदर्शन चक्र की उद्घोषणा भी करते हैं। मिशन सुदर्शन चक्र यानी देश के औद्योगिक और सार्वजनिक क्षेत्रों की सुरक्षा की ऐसी दीवार बनाना जिसे दुश्मन भेद ना पाए और अगर दुश्मन दुस्साहस दिखाए तो फिर हमारा सुदर्शन चक्र उसे तबाह कर दे।”
प्रधानमंत्री ने यहां मठ में नवनिर्मित सुवर्ण तीर्थ मंडप का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान पर्याय पुत्तिगे मठ के महंत सुगणेन्द्र तीर्थ स्वामी जी ने राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री को रक्षा कवच पहनाया और अंग वस्त्र आदि से उन्हें सम्मानित किया।