UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोवंश संरक्षण में नए आयाम

UP News: योगी आदित्यनाथ सरकार के संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व में गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन को नए आयाम मिले हैं। उत्तर प्रदेश में गो-सुरक्षा को धर्म और कर्तव्य दोनों की भावना के साथ आगे बढ़ाते हुए हर स्तर पर अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “उत्तर प्रदेश के अंदर गौवंश के द्वारा यानी जो गाय का गोबर है, यह अतिरिक्त किसानों के लिए आमदनी का स्रोत बनेगा। बायोफ्यूल की यूनिट लग रही है यूपी के अंदर, वह , अतिरिक्त आमदनी का स्रोत भी बनेगा और यह कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। गाय के गोबर से आज उत्तर प्रदेश में कुछ जनपदों ने पेंट बनाने का काम भी किया है।”

प्रदेश में 18 मॉडल गौशालाएँ स्थापित कर करोड़ों ग्रामीणों के हित में कदम उठाया गया। 576 गो संरक्षण केंद्र स्वीकृत, 421 बने, 403 क्रियाशील हैं। भरण-पोषण का 100% अनुदान DBT से दिया गया। 7548 गोआश्रयों में 12.35 लाख+ गोवंश सुरक्षित और मुख्यमंत्री सहभागिता योजना से 1.80 लाख गोवंश लाभार्थियों को सुपुर्द किया गया।

पशु चिकित्साधिकारी डॉ लवकुश नाग ने कहा कि “प्रशासन द्वारा निर्देश दिया जाता है, कोई भी सीज़न आता है जैसे अभी ठंड आ रही है, तो ठंड के लिए निर्देश दिए जाते हैं कि तिरपाल लगा होना चाहिए, अलाव जलने चाहिए। कोई भी गौवंश अगर बीमार है तो उनकी तुरंत चिकित्सा की जाए, ताकि गौवंश ठंड से न मरे।”

पशुपालन विभाग की ओर से गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुआयामी पहलें की जा रही हैं। गोबर से दीप, धूपबत्ती, वर्मी कम्पोस्ट, गोलॉग, गोबर गमले और सीबीजी उत्पादन इकाइया इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इन इकाइयों के संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भर भारत के सपने को मजबूती दे रही है।

योगी आदित्यनाथ सरकार के सतत प्रयासों ने गोवंश संरक्षण को नई दिशा और मजबूत आधार दिया है। व्यापक सुविधाओं, आत्मनिर्भर गौशालाओं और पारदर्शी व्यवस्था के चलते प्रदेश में न केवल गोवंश सुरक्षित हुआ है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया सहारा मिला है।

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