Dehradun zoo: देहरादून चिड़ियाघर में जानवरों के रखरखाव के तरीके में बदलाव, सर्दियों में खास भोजन और आवास के इंतजाम

Dehradun zoo: उत्तर भारत में तापमान लगातार गिर रहा है। ऐसे में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में चिड़ियाघर अधिकारियों ने सर्दियों में जानवरों के आराम की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानवरों को ऐसा खाना दिया जा रहा है, जिससे उन्हें ज्यादा ऊर्जा मिले। उनके रहने की जगह इंसुलेट की जा रही है। इनका मकसद जानवरों को कड़ाके की ठंड से बचाना है।

चिड़ियाघर अधिकारियों ने बताया कि सरीसृप प्रजाति का आहार कम कर दिया गया है, जबकि कई जानवरों को ज्यादा प्रोटीन वाला भोजन दिया जा रहा है, ताकि सर्दियों में शरीर की गर्मी बनी रहे और प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद करे। आगंतुकों ने चिड़ियाघर में नई व्यवस्थाओं की तारीफ की। इन व्यवस्थाओं में गर्म बिस्तर, रूम हीटर, कंबल और बाड़ों में मौसम के अनुकूल व्यवस्थाएं शामिल हैं।

देहरादून चिड़ियाघर 25 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहां तरह-तरह के जानवर, चिड़ियां और सरीसृप रखे गए हैं। सर्दियों में उनकी खास देखभाल की जा रही है। इनमें भोजन में बदलाव से लेकर रहने की गर्म जगह तक शामिल हैं, ताकि वे स्वस्थ रह सकें।

चिड़ियाघर अधिकारियों का कहना है कि “सबसे पहले स्नेक में शुरू करते हैं तो उनके लिए हम जो हमारे जूट के बोरे होते हैं, उनमें पुआल लगा देते हैं तो बेडिंग का काम करते हैं और मिनिमम स्पेस रखते हैं, जिससे उनके हाइड करने की जगह होती है, ताकि बहुत ज्यादा अगर खुला रहेगा तो एयर उतनी ज्यादा जाएगी और टेम्परेचर उतना ज्यादा डाउन रहेगा वहां पर। इसके साथ ही कंबल यूज करते हैं।

हमारे हरेक बाड़े में दो हीटर लगाए हुए हैं हमने। प्रत्येक हीटर हमारा शाम को स्टार्ट कर देते हैं। डे आवर्स में अगर धूप है, तभी हीटर बंद रहता है, लेकिन किसी दिन क्लाउड है या बारिश हो गई है सर्दी में, तब भी हमारे हीटर्स ऑन रहते हैं।”

चिड़ियाघर अधिकारी “जो फीड का है वो पर्टिकुलरी फीड में हम प्रोटीन रीच फीड देते हैं उनको। अब रेप्टाइल्स तो हमारे क्या होता है कि नवंबर से खाना बंद कर देते हैं ये। एकाध कोई खाता है, लेकिन बाकी जो एनिमल्स हैं हमारे यहां पर, उनको हम फीड देते हैं। जैसे अभी हमारे यहां जितने भी डियर हैं, तो उनके लिए हमने कन्संट्रेट बढ़ा दिया है।

तो कन्संट्रेट में हमने प्लस किया है थोड़ा सा उनको। पर एनिमल हमने 50 से 100 ग्राम रेगुलर फीड था, उसको बढ़ा दिया है उसमें। इसमें साथ ही जो ग्रीन ग्रास आती है, चॉक्ड होके हमारे पास उसकी क्वांटिटी भी हमने लगभग दो क्विंटल प्लस कर दी है। कारण ये है कि अगर बॉडी में एनर्जी प्रॉपर रहेगी, तो ठंड का असर नहीं होगा।”

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