Meerut: मेरठ में डॉक्टर का बच्चे के लगी चोट के इलाज का एक अजब गजब मामला सामने आया है, आरोप है कि ढाई साल के बच्चे को खेलते समय आंख के पास चोट लग गई और खून निकलने लगा। जिसके बाद उसके परिजन उसकी एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने टांके लगाने के बजाय परिजनों से कहा कि ₹5 वाली फेविक्विक ले आओ और फेवीक्विक से उसने घाव को जोड़ दिया।
बच्चों के दर्द होता रहा तो डाक्टर ने कहा कि बच्चा घबराया हुआ है थोड़ी देर में दर्द ठीक हो जाएगा। लेकिन दर्द ठीक नहीं हुआ तो बच्चे को दूसरे अस्पताल ले जाया गया जहां बच्चे की चोट से फेवीक्विक हटाने के लिए डॉक्टर को 3 घंटे लगे और फिर बच्चे की चोट पर टांके लगाएंगे।
आपको बता दें मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन के मेपल्स हाइट का है जहां के रहने वाले फाइनेंसर सरदार जसपिंदर सिंह के ढाई साल के बेटे मनराज सिंह को खेलते समय आंख के पास टेबिल का कोना लगने से चोट लग गई और खून बहने लगा। परिजन बच्चे को लेकर मेरठ के निजी अस्पताल भाग्यश्री अस्पताल पहुंचे आरोप है कि वहां पर डॉक्टर ने उन से ₹5 वाली फेविक्विक लाने के लिए कहा और फेवीक्विक से कटा हुआ हिस्सा जो चोट लगी थी उसको चिपका दिया। लेकिन बच्चे को लगातार दर्द होता रहा।
जिसके कारण अगले दिन सुबह को वह बच्चे को दूसरे अस्पताल लोकप्रिय अस्पताल लेकर पहुंचे। परिजनों का कहना है कि लोकप्रिय अस्पताल में बच्चे की चोट से 3 घंटे डॉक्टरों को फेवीक्विक छुड़ाने में लग गए और फेवीक्विक हटाने के बाद बच्चे को चार टांके लगाए गए। परिजनों का आरोप है कि अगर फेवीक्विक आंख में गिर जाती तो बड़ी घटना हो सकती थी। वहीं इस मामले में बच्चे के परिजनों ने सीएमओ से शिकायत की है।
वहीं इस पूरे मामले में मेरठ के सीएमओ डॉ अशोक कटारिया का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है बच्चे के परिजनों ने शिकायत की है इस मामले के लिए एक जांच कमेटी बना दी गई है जो पूरे मामले की जांच कर रही है जांच के बाद जो भी तथ्य आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।