Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का परिणाम कल यानी 14 नवंबर को सुबह 9 बजे के करीब आने लगेगा, 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती कर परिणाम बताए जाएंगे। उसके बाद ईवीएम खोले जाएंगे। एग्जिट पोल के आंकड़े आने के बाद यह कयासबाजी भी शुरू हो गई है कि भाजपा और जदयू में अधिक प्रभावशाली दल कौन बनेगा, साथ ही खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान पर भी सबकी नजरें हैं।
एग्जिट पोल ने एकतरफा इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार का एलान किया है, जबकि उसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने खुलकर कहा कि 18 नवंबर को वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इन दो बातों के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि वोटिंग का आंकड़ा अंतिम तौर पर जारी किया है।
वोटिंग के आंकड़े महिलाओं का बंपर मतदान तो दिखा रहे हैं, लेकिन एग्जिट पोल पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एनडीए के गढ़ में भी इस बार जबरदस्त वोटिंग हुई है। महागठबंधन के प्रभाव वाले जिलों में मतदान प्रतिशत के बढ़ने का फायदा उसे ही मिल जाए, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को उस तरह से अपने प्रभाव वाले इलाकों में इसका फायदा मिलेगा?
एग्जिट पोल-
इस बार करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है। गौरतलब है कि बीते चुनाव में जदयू की सीटों की संख्या 71 से घट कर 43 और भाजपा की 53 से बढ़ कर 74 हो गई थी।
धीरे-धीरे भाजपा ने बढ़ाया आधार
इस सदी में भाजपा और जदयू ने साथ-साथ चार चुनाव लड़े। हर बार जदयू के हिस्से अधिक सीटें आईं। फरवरी 2005 के चुनाव में जदयू 138 और भाजपा 103, अक्टूबर 2005 में जदयू 139 और भाजपा 102, 2010 के चुनाव में जदयू 141 तो भाजपा 102, बीते चुनाव में जदयू 115 और भाजपा 110 और इस चुनाव में जदयू और भाजपा दोनों समान रूप से 101-101
चिराग पर नजर-
चिराग पासवान की पार्टी ने पिछले चुनाव में अपने दम पर मैदान में उतरे चिराग अपनी पार्टी की लौ तो नहीं जला सके, मगर जदयू की लौ जरूर मद्धम कर दी थी। इस बार स्थिति उलट है। भले ही चिराग को 29 सीटें मिली, मगर उनमें ऐसी 15 सीटें शामिल हैं, जहां राजग एक बार भी चुनाव नहीं जीत पाया है।